
कृषि संबंधित जीविकोपार्जन से जुड़ेंगी जीविका की दीदियां

शेखपुरा
जीविका स्वयं सहायता समूह से जुड़ी दीदियों के जीवन स्तर को बढ़ाने और उन्हें कृषि संबंधित जीविकोपार्जन की गतिविधियों से जोड़ने की योजना बनाने को लेकर जीविका कार्यालय में एक दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया गया।
उक्त कार्यशाला में जिला परियोजना प्रबंधक अनिशा ने बताया कि सूक्ष्म सिंचाई के साधन को बढ़ाने और फसलों की उत्पादकता एवं किसानों की आय को बढ़ाने के उद्देश्य के साथ साथ आधुनिक वैज्ञानिक तकनीक को बढ़ावा देने के विषय पर जिला अंतर्गत सभी जीविका कर्मियों का एक दिवसीय प्रशिक्षण किया गया। कृषि के क्षेत्र में महिलाओं को मिलने वाली विभिन्न प्रकार की सब्सिडी को ध्यान में रखते हुए आज के इस कार्यशाला में आगे की कार्य योजना भी तैयार की गई जिसमें ज्यादा से ज्यादा जीविका दीदियों को कृषि संबंधित जीविकोपार्जन गतिविधि से जोड़ने का लक्ष्य प्रखंड वार निर्धारित किया गया।
इस कार्यशाला में उपस्थित जिला कृषि पदाधिकारी लाल बचन राम ने बताया कि वर्षा कम होने की वजह से शेखपुरा जिला सिंचाई योजना में काफी पिछड़ा है जिस कारण से जिले के किसान ड्रिप इरिगेशन विधि से धान एवं गेहूं की खेती कर सकते हैं।
इस विधि में कम लागत एवं कम खाद पानी में अधिक से अधिक आमदनी हो सकती है। इसमें 90% तक का अनुदान भी मिलता है।
इसके अलावा उन्होंने बताया कि, कृषि यांत्रिकीकरण राज्य योजना के अंतर्गत जीविका की सदस्य दीदियां लाभ ले सकती हैं जिसके तहत जीविका की दीदी को पांच यांत्रिकी के लिए सब्सिडी दर पर ऋण दिया जा सकता है। कस्टम हायरिंग सेंटर के विषय में उन्होंने बताया कि, गरीब परिवारों में कृषि यांत्रिकीकरण को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से यह सेंटर की स्थापना की जानी है ताकि उपकरणों का प्रयोग कर कठिन परिश्रम से महिलाओं को छुटकारा मिल सके। 1500 वर्गफीट के शेड में इसकी स्थापना की जाएगी जिसके अंतर्गत कंबाइंड हार्वेस्टर, ट्रैक्टर आदि की खरीदारी करने का प्रावधान है।
नवादा जिला से आये जीविकोपार्जन प्रबंधक मधुरेंद्र कुमार ने सभी उपस्थित प्रतिभागियों को जीविका अंतर्गत कृषि संबंधित गतिविधियों के बारे में विशेष जानकारी दी और धान की खेती के यील्ड एसेसमेंट करने की प्रक्रिया को बताया। शेखपुरा सदर, चेवाड़ा एवं बरबीघा प्रखंड में मिनी टूल किट बैंक खोलने के विषय में चर्चा की गई। एसआरआई, एसडब्लूआई और ज़ीरो टीलेज से गेहूं की खेती, किचन गार्डन, सब्जी की खेती और किसान दिवस मनाने को लेकर भी योजनाएं बनाई गई।
इस कार्यशाला में बीज उपचार, जैविक खेती और विधिवत खेती पर ध्यान देने की भी सलाह दी गई।

इस खबर को अपनों के बीच यहां से शेयर करें




Comment / Reply From
You May Also Like
Popular Posts
Newsletter
Subscribe to our mailing list to get the new updates!