• Friday, 26 April 2024
अरुण शौरी की पुस्तक ‘मिशनरीज इन इंडिया’ पुस्तक का हिंदी अनुवाद करने वाले साहित्यकार के निधन पर शोक की लहर

अरुण शौरी की पुस्तक ‘मिशनरीज इन इंडिया’ पुस्तक का हिंदी अनुवाद करने वाले साहित्यकार के निधन पर शोक की लहर

DSKSITI - Small

बरबीघा

बरबीघा के श्रीकृष्ण राम रुचि कॉलेज के सेवानिवृत प्रोफेसर एवं प्रसिद्ध साहित्यकार, समाजसेवी और जिंदादिल इंसान डॉ नागेश्वर प्रसाद सिंह का मंगलवार की रात्रि निधन हो गया। वे 82 साल के थे। वे बरबीघा के कॉलेज रोेड निवासी थे। उनके निधन पर चारों तरफ शोक की लहर दौड़ गई।

नागेश्वर सिंह के निधन पर मुंगेर विश्वविद्यालय के निरीक्षक एवं प्रोफेसर डॉ भावेश चंद्र पांडे ने अपनी व्यथा व्यक्त करते हुए लिखा है कि मैं डॉ नागेश्वर सिंह जी के निधन पर अपनी विनम्र श्रद्धांजलि निवेदित करता हूँ। मैंने पिछले 8 तारीख को उनके अंतिम दर्शन का सौभाग्य प्राप्त किया था। डॉ सिंह अद्भुत प्रतिभावान, समर्थ विद्वान, अथक अध्येता, और बड़े मिलनसार व्यक्ति थे। एक समर्पित शिक्षक, शिक्षक संघ के नेता, प्रधानाचार्य, उद्भट वक्ता के साथ वे एक उत्तम मित्र परायण व्यक्ति थे। वे एक ऐसे दर्शन शास्त्री थे जिन्होंने चार्वाक के अनीश्वरवादी दर्शन को जिया था। उन्होंने अरुण शौरी की पुस्तक ‘मिशनरीज इन इंडिया’ सहित एक और पुस्तक का हिंदी अनुवाद किया था। उनकी लेखनी में सरस्वती का वास था।

DSKSITI - Large

उन्होंने अपने दो भाइयों की जिस प्रकार सेवा की वह सर्वथा अनुकरणीय है। अतिथियों और मिलने वालों से उनका आवास हमेशा गुलज़ार रहता था। उनके शिष्यों की एक लंबी कतार है जो आज भी उनके कद्रदान हैं। उनके निधन से शेखपुरा ज़िले में एक बौद्धिक शून्यता आयी है। मैं उनके स्नेह और आशीर्वाद से अनुगृहीत रहा हूँ। भगवान उनकी आत्मा को शांति दें और शोक संतप्त परिवार को ढाढ़स प्रदान करें। एस के आर कॉलेज परिवार के सदस्य और एक सहकर्मी के नाते मैं श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूँ।

प्रख्यात चिकित्सक डॉ कृष्ण मुरारी प्रसाद सिंह ने अपनी शोक संवेदना में कहा कि वह एक जिंदादिल इंसान थे और अपनी जिंदादिली के वजह से ही वे लगातार दिल की बीमारी से संघर्ष करते हुए अभी तक जीवित थे । उन्होंने साहित्य और समाज की काफी सेवा की है।

जबकि डिवाइन लाइट स्कूल के प्राचार्य सुधांशु शेखर, रोहित कुमार, प्रो रामानंद देव सहित अन्य लोगों ने उनके निधन पर शोक संवेदना व्यक्त की है। वहीं समाजवादी नेता शिवकुमार ने उनके निधन पर अपनी संवेदना में कहा है कि नागेश्वर बाबू समाज और साहित्य के लिए प्रेरणा स्रोत थे और उनके निधन पर बरबीघा की धरती शुन्यता की ओर चली गई है और उनके क्षति की भरपाई नहीं हो सकती है।

new

SRL

adarsh school

st marry school

Share News with your Friends

Comment / Reply From

You May Also Like