
रामचरित मानस विवाद: शेखपुरा कोर्ट में शिक्षा मंत्री और जगदानंद सिंह पर परिवाद दायर

रामचरित मानस विवाद: शेखपुरा कोर्ट में शिक्षा मंत्री और जगदानंद सिंह पर परिवाद दायर
शेखपुरा
राम चरित मानस को लेकर नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताने के विवादित बयान में लगातार राजनीति गर्म हो रही है और मामला कोर्ट कचहरी तक भी चला गया है। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कल ही यह बयान दिया कि लोग कोर्ट में जाकर f.i.r. करें वही अब कई लोगों के द्वारा f.i.r. और परिवाद दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसी प्रक्रिया में शेखपुरा कोर्ट में 2 लोगों के द्वारा परिवाद दर्ज किया गया है।
पहला परिवाद हिंदू महासभा के जिला अध्यक्ष अभिमन्यु कुमार ने दर्ज कराया है। दर्ज कराए परिवाद में अभिमन्यु कुमार ने आरोप लगाया है कि जब वह अपने घर में रामायण का पाठ कर रहे थे इसी दौरान टीवी पर बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर प्रसाद के द्वारा रामचरितमानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताया गया। जिससे वह काफी दुखी हुए और यह सनातन धर्म के विरोध में उसे अपमानित करने वाला बयान पाया गया। वही जगदानंद सिंह के द्वारा भी इसका समर्थन किया गया । दोनों के विरुद्ध कोर्ट में परिवाद दर्ज किया गया।

अभिमन्यु कुमार ने बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर प्रसाद और राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह पर परिवाद दर्ज किया है।





उधर, भाजपा नेता हीरालाल सिंह ने भी कोर्ट में विवादित बयान को लेकर शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर प्रसाद पर परिवाद दर्ज कराया है। उन्होंने बताया कि सनातन धर्म को अपमानित करने के लिए सोची समझी राजनीति के तहत इस तरह का बयान दिया गया है। इस मौके पर भाजपा नेता बलराम आनंद, अरविंद हरि ओम के साथ-साथ विश्व हिंदू परिषद के नेता एवं अधिवक्ता उपेंद्र प्रेमी इत्यादि की उपस्थिति रही।


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