• Wednesday, 18 December 2024
देवोत्थान: जागेंगे भगवान विष्णु, उत्तर भारत के तिरुपति में महोत्सव, शादी का मुहूर्त शुरू

देवोत्थान: जागेंगे भगवान विष्णु, उत्तर भारत के तिरुपति में महोत्सव, शादी का मुहूर्त शुरू

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देवोत्थान: जागेंगे भगवान विष्णु, उत्तर भारत के तिरुपति में महोत्सव, 

 

देवोत्थान एकादशी के दिन से शुभ कामों की होगी शुरुआत

 

बरबीघा, शेखपुरा

 

देवोत्थान एकादशी के दिन भगवान विष्णु चार माह के बाद योग निद्रा से जाग जाते हैं । वैसे में देवोत्थान एकादशी से शुभ कार्यों की शुरुआत होती है । शादी विवाह का मुहूर्त भी निकल आता है। वैसे में नवंबर दिसंबर जनवरी फरवरी मार्च महीने में शादियों का धूमधाम देखा जाएगा । लोगों ने तैयारी भी शुरू कर दी है। हालांकि एकादशी देवोत्थान के दिन किसी भी शुभ कार्य को किया जाता है इस दिन शादी भी की जाती है।

उत्तर भारत का तिरुपति के रूप में विष्णु धाम

 

शेखपुरा जिले के बरबीघा प्रखंड

के सामस गांव में उत्तर भारत का तिरुपति के रूप में विष्णु धाम को विकसित करने का काम किया जा रहा है। यहां 90 फीट ऊंचे मंदिर का निर्माण कराया जा रहा है। इस भव्य मंदिर के कलाकृति तिरुपति बालाजी के मंदिर से प्रेरित है। मंदिर का गुंबद बनकर तैयार हो गया है। 

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बिहार के शेखपुरा जिले में बरबीघा-नवादा रोड पर बरबीघा से 5 किमी दक्षिण की ओर बिहार शरीफ से 25 किमी दूर सामस गांव स्थित विष्णु धाम मंदिर प्रसिद् धार्मिक स्थल है। मंदिर में भगवान विष्णु धाम की 7.5 फीट ऊंची व 3.5 फीट मूर्ति स्थापित है। विष्णु धाम भगवान की यह मूर्ति स्वरूप में है और चार हाथों में शंख, चक्र, गदा तथा पद्मम स्थित है।

मूर्ति की वेदी पर प्राचीन देवनागरी में अभिलेख ‘ऊं उत्कीर्ण सूत्रधारसितदेव:’ उत्कीर्ण है। इस लिपि में आकार, इकार और ईकार की मात्रा विकसित हो गई है। ब्राह्मी लिपि में छोटी खड़ी लकीर के स्थान पर यह पूरी लकीर बन गई है। विशेषज्ञ मानते हैं कि इस प्रकार की लिपि उत्तर भारत में नौवीं सदी के बाद मिलती है। प्रतिहार राजा महेंद्रपाल (891-907 ई.) के दिघवा-दुली दानपात्र में इस शैली की लिपि का प्रयोग पुराने समय में किया जाता था। इस अभिलेख में मूर्तिकार ‘सितदेव’ का नाम भी लिखा हुआ है।

 

 

विष्णुमूर्ति के दांए व बांए दो और छोटी मूर्तियां हैं। यह स्पष्ट रूप से पता नहीं चल पाया है; कि ये मूर्तियां शिव-पार्वती की हैं या शेषनाग और उनकी पत्नी हैं। यह दुर्लभ मूर्ति जुलाई 1992 में तालाब में खुदाई के दौरान मिली थी। सामस गांव व उसके पास गांवों में खुदाई के दौरान बड़ी संख्या में मूर्तियां मिलीं। इनमें से कई सामस गांव के जगदंबा मंदिर में ही रखी गई हैं। जानकारी देते हुए विष्णु धाम समिति के अध्यक्ष डॉ कृष्ण मुरारी प्रसाद सिंह, सदस्य रविरंजन मुन्ना ने बताया कि 5 दिवसीय इस आयोजन में प्रवचन, भजन कीर्तन हवन रासलीला इत्यादि का आयोजन किया गया है।

 

 

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