
श्री बाबू ने खोदाई थी नहर, नहीं है एक बूंद भी पानी

बरबीघा
शेखपुरा जिले के बरबीघा का माउर श्री बाबू का जन्म स्थान है। बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री के इस जन्म स्थान तक नहर लाने के लिए उन्होंने नवादा जिले से नहर खोदाई। यह नहर बरबीघा तक पहुंचने के बाद यहां के लोगों में खुशहाली हुई और इसे धान का कटोरा कहा जाने लगा परंतु पिछले दो दशकों से इस नहर में पानी नहीं आ रहा। 5 साल पहले इसकी मिट्टी काटने का काम भी हुआ परंतु उसका भी कोई फायदा नहीं हुआ।


क्या है पूरा मामला
इस संबंध में लगातार किसानों के द्वारा आवाज उठाया जाता रहा है। पिछले दिनों जेपी सेनानी शिवकुमार तीन दिनों तक अनशन पर बैठे । उसमें यह मुद्दा भी शामिल था। जबकि नालंदा के खेतलपुरा निवासी किसान रंजीत कुमार बिहार सरकार को पत्र लिखकर इस नहर के दुर्दशा पर चिंता जताते हुए मरम्मत की मांग की है।


शिवकुमार ने बताया कि इस नहर को जगह जगह क्षतिग्रस्त कर दिया गया है। नवादा जिला के सीमा से शेखपुरा में प्रवेश करने के स्थल बाजितपुर में मुहाने को लगभग बंद कर दिया गया है। इसी से यह परेशानी हो रही है।
रंजीत कुमार ने बताया कि नहर के अतिक्रमण का मामले लगातार सामने आ रहा है । कई जगह बांध टूटा हुआ है। कई जगह नहर में ही फॉल को ऊंचा करके बना लिया गया है ।
उधर माऊर् निवासी काजू सिंह ने बताया कि नवादा के वारिसलीगंज के पौरा से शटर की देखभाल करने वाला कोई अधिकारी, मजदूर वहां नहीं रहता है। इस तरफ पानी छोड़ने की व्यवस्था भी नहीं की गई है इसी से यह परेशानी हो रही है।
उधर बिहार केसरी के प्रपौत्र अनिल शंकर सिन्हा ने बताया कि इस नहर को जीवित करने के लिए उनके द्वारा लगातार प्रयास किया जाता रहा है। उनके नजर में यह प्राथमिकता के तौर पर है। इसके लिए किसानों के साथ मिलकर संघर्ष किया जाएगा।
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