• Friday, 18 October 2024
1000 कदंब के पेड़ लगाने वाले ट्रीमैन की दर्दनाक कहानी, मदद की गुहार

1000 कदंब के पेड़ लगाने वाले ट्रीमैन की दर्दनाक कहानी, मदद की गुहार

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1000 कदंब के पेड़ लगाने वाले ट्रीमैन की दर्दनाक कहानी, मदद की गुहार

 

शेखपुरा 

 

शेखपुरा जिले के घाटकुसुंभा प्रखंड मुख्यालय होते हुए जब लखीसराय, बड़हिया की तरफ जाते हैं या आते हैं तो प्रखंड मुख्यालय के आसपास सड़कों के दोनों किनारो पर हरे भरे पेड़ मिलते हैं । उन पेड़ों की खूबसूरती को लोग अपने मोबाइल कैमरे में कैद करते हैं। कुछ लोग वहां रुक कर सेल्फी भी लेते हैं।

 यह पेड़ घाट कुसुंबा के ही शांतनु महतो उर्फ साधु जी के द्वारा लगाए गए हैं। शांतनु महतो उर्फ़ साधू जी के द्वारा लगाए गए इन पेड़ों की खूबसूरती से तो समाज प्रभावित हो रहा परंतु शांतनु महतो के बारे में सुध लेने वाला कोई नहीं है। वे आज तिल तिल कर करने को मजबूर हो रहे हैं। 

 

बताया जाता है कि शांतनु महतो को गले में परेशानी हो गई है। किसी बीमारी की वजह से उनको खाने में नहीं बनता है। पहले से भी उन्हें टीबी जैसा खतरनाक बीमारी था। जिसका सरकारी स्तर पर भी उचित इलाज और मुआवजा नहीं मिला । आज वह गंभीर स्थिति में आ गए हैं और उनकी उनके जान पर खतरा बना हुआ है। 

 

इसको लेकर राष्ट्रीय लोक मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जितेंद्र नाथ, प्रवक्ता राहुल कुमार, जिला अध्यक्ष पप्पू राज मंडल शुक्रवार की रात्रि में उनसे मिलने के लिए गए तो वह काफी आहत हुए। इलाज का भरोसा दिया है। वहीं समाज के लोगों को भी आगे आने की अपील की है। 

 

बताया जाता है कि दो बेटों के पिता शांतनु महतो घटकुसुम्भा प्रखंड कार्यालय में दैनिक वेतन भोगी के रूप में काम करते हुए जीवन यापन कर रहे थे।

 

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 बेटे मजबूरी दूसरे प्रदेश में करते हैं। उनके बीमार होने पर एक बेटा उनके लिए इलाज के लिए आ गया है परंतु खर्च की कमी है। यह भी जानकारी दे दें कि साधु जी को प्रखंड कार्यालय में काम करते हुए मामूली से एक दरी की चोरी का आरोप जीविका के कर्मियों ने लगा दिया जिसके बाद उन्होंने जहर खाकर अपनी जान देने की कोशिश की। हालांकि सामाजिक लोगों ने उनका इलाज करा कर, उन्हें बचा लिया। 

 

 

उधर, एक बार फिर से उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई है और जीवन और मौत से संघर्ष कर रहे हैं। 

 

उधर, इस मामले में बताना जरूरी है कि साधु जी कृष्ण के भक्त हैं और उनके द्वारा प्रखंड से पहले सड़क के दोनों किनारे 1000 से अधिक कदंब के पेड़ लगाए गए हैं।

 

 ग्रामीण बताते हैं कि जब वह कदम के पेड़ लगाने लगे तो अपनी खर्च से उसको लगते थे। उसकी देखभाल करते थे। बाद में शेखपुरा के डीएम से जाकर मिले और पेड़ लगाने की मांग की तो मनरेगा की सुविधा के तहत में पेड़ उपलब्ध करवाए गए। साधु जी ने पेड़ की देखभाल की और आज सुनसान टाल के क्षेत्र में हरा भरा कदंब के पेड़ दिखाई देते हैं। लोग रुक कर वहां सेल्फी लेते हैं। 

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