बिहार आर्थिक अपराध इकाई का जबरदस्त अनुसंधान, दरोगा का बेटा किया पेपर लीक शातिर
न्यूज़ डेस्क, पटना
बिहार कर्मचारी आयोग के द्वारा आयोजित तृतीय स्नातक स्तरीय परीक्षा के पेपर एक घंटा के बाद ही लीक हो जाने के मामले में बिहार आर्थिक अपराध इकाई ने जबरदस्त अनुसंधान करते हुए तकनीक का सहारा लिया और पेपर लीक के कुछ ही घंटे के बाद किस परीक्षा केंद्र से पेपर लीक हुआ और किसने परीक्षा केंद्र के अंदर से कैसे पेपर लीक किया इसका खुलासा कर दिया।
टेक्नोलॉजी के सहारे बिहार आर्थिक अपराध इकाई के इस खुलासे के दूसरे दिन बाद इस पूरे मामले के मास्टरमाइंड तक भी बिहार आर्थिक इकाई पहुंच गई और दरोगा का बेटा इस का मास्टरमाइंड निकला और पेपर को लीक किया ।
बिहार आर्थिक अपराध इकाई के इस अनुसंधान में टेक्नोलॉजी का जबरदस्त सहारा लिया गया और बताया जा रहा है कि बिहार कर्मचारी चयन आयोग के प्रश्न पत्र में कोडिंग के सहारे टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर इस गुत्थी को सुलझा लिया गया। अब इस तरह की कोडिंग के आ जाने पर पेपर लीक के मामले में अपराधियों को पकड़े जाने की बात आने लगी है।
बेतिया में दरोगा के पुत्र अजय निकला शातिर
बेतिया में दरोगा के पुत्र अजय कुमार के द्वारा परीक्षा केंद्र से व्हाट्सएप के माध्यम से पेपर को लेकर आ गया। अनुसंधान में यह बात सामने आई कि परीक्षा शुरू होने के कुछ मिनट पहले अजय परीक्षा केंद्र पर पहुंचा और हड़बड़ी का बहाना बनाकर पुलिसकर्मियों को चकमा देते हुए परीक्षा केंद्र में प्रवेश कर गया और प्रश्न पत्र आते ही एक घंटा के बाद उसे व्हाट्सएप पर अपने भाई विजय को भेज दिया। विजय के द्वारा इस प्रश्न पत्र को सॉल्वर को भेजा गया जो आंसर बना कर देता । उसने आंसर बना कर दिया परंतु उसने व्हाट्सएप ग्रुप में प्रश्नपत्र को लीक कर दिया और पैसे भी कमाने लगा। वहीं से पूरा मामला वायरल हो गया।
शांतिनिकेतन जुबली स्कूल से प्रश्नपत्र हुआ लीक
आर्थिक अपराध इकाई ने पेपर लीक होने के 1 घंटे के बाद ही प्रश्न पत्र में एडवांस कोटिंग टेक्नोलॉजी का सहारा लेकर यह पता लगा लिया कि मोतिहारी के शांतिनिकेतन जुबली स्कूल के रूम नंबर 42 से प्रश्न पत्र लीक किया गया है। टेक्नोलॉजी का सहारा लेकर आर्थिक अपराध इकाई ने इस पूरे मामले का खुलासा कर दिया।
अनुसंधान में टेक्नोलॉजी का सहारा लेकर यह पता लगाया गया कि उस परीक्षा केंद्र पर पहली पारी के परीक्षा में 70 मोबाइल एक्टिवेट थे । अनुसंधान के क्रम में 69 मोबाइल पुलिसकर्मी वीक्षक और अन्य सरकारी कर्मियों में से किस किसका था यह पता लग गया । जिसमें एक मोबाइल अजय कुमार का पाया गया और फिर अजय कुमार को दबोच लिया गया।
बता दें कि बिहार कर्मचारी चयन आयोग के तृतीय स्नातक स्तरीय परीक्षा के प्रश्न पत्र को लीक कर जाने के बाद बिहार सरकार की भारी बदनामी हुई। सोशल मीडिया से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और टीवी चैनलों ने जमकर बिहार सरकार की विफलता को रेखांकित किया।
खासकर युवाओं में काफी आक्रोश भी रहा। भारी संख्या में युवा दूसरे जिला में रेलवे प्लेटफार्म पर ठंड में ठिठुरते हुए परीक्षा देकर निकले तो पेपर लीक होने की बात पता चली। ऐसे में सभी युवाओं में काफी नाराजगी भी रही। उधर, आर्थिक अपराध इकाई के द्वारा 1 घंटे के बाद ही पेपर जहां से बाहर निकला उसका खुलासा कर दिया और दूसरे दिन सारे मामले का खुलासा करना बिहार सरकार की एक सफलता भी मानी जा रही है।
हालांकि इस मामले में छात्र नेता दिलीप कुमार के द्वारा परीक्षा को रद्द करने के साथ-साथ इस पूरे मामले में सीबीआई जांच की मांग भी की जा रही है। सीबीआई जांच करने की मांग को लेकर विद्यार्थी परिषद में रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पुतला दहन जिला मुख्यालयों में किया।
बताना जरूरी है कि परीक्षा पत्र लीक होने के दूसरे ही दिन इस पूरे मामले में अजय कुमार और उसके भाई विजय कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया । आर्थिक अपराध इकाई के द्वारा यह गिरफ्तारी की गई थी। साथ ही साथ परीक्षा केंद्र के बीच शक शिव चंद्र नाथ ज्योति समेत अन्य लोगों को भी हिरासत में ले लिया गया था।
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