तालाब से मिली आलिंगन युक्त उमा महेश्वर की प्रतिमा मुगलों के आतंक की है कहानी
तालाब से मिली आलिंगन युक्त उमा महेश्वर की प्रतिमा मुगलों के आतंक की है कहानी
शेखपुरा
रविवार को लोहान गांव में तालाब की खोदाई में भगवान शंकर और माता पार्वती की काले पत्थर की मूर्ति मिली है। भगवान शंकर की यह मूर्ति उमा महेश्वर स्वरूप में है।
यह प्रतिमा खंडित है और तालाब के गहराई में है। इसको लेकर मुगल काल आतंक की भी कहानी की चर्चा हो रही है।
गांव के बीचों बीच स्थित इस अरघा तालाब की खोदाई लघु सिंचाई विभाग करा रहा है। तालाब की खोदाई 10 दिनों से चल रही है और तल से लगभग 4 फीट नीचे खोदाई में रविवार को यह मूर्ति मिली। गांव के सामाजिक कार्यकर्ता मनोज कुमार सिंह ने बताया ग्रामीणों ने मूर्ति को उठाकर तालाब के बगल में रखा है,जहां ग्रामीण पूजा पाठ कर रहे हैं। मूर्ति खंडित है।
वही इसको लेकर नवादा और लखीसराय में सरकारी संग्रहालय के प्रभारी शिवकुमार मिश्र कहते हैं कि यह नवमी अथवा दशमी सदी की प्रतिमा है।
प्राचीन प्रतिमा उमा महेश्वर भगवान शिव पार्वती की यह प्रतिमा है । शिव पार्वती आलिंगन में यह प्रतिमा काफी प्राचीन और दुर्लभ है। शेखपुरा जिले के कई गांव में इस तरह की प्रतिमा मिली है। इस प्रतिमा को संरक्षित और सुरक्षित रखने की जरूरत है। इसके लिए बिहार सरकार के द्वारा शेखपुरा जिला के लिए लखीसराय में संग्रहालय बनाया गया है। इस संग्रहालय में इसे रखने की जिम्मेदारी जिला अधिकारी और जिला पुलिस अधीक्षक को है हालांकि यहां के जिला प्रशासन के द्वारा संग्रहालय में प्राचीन प्रतिमाओं को रखने के प्रति कोई जागरूकता नहीं है। जिससे इस तरह की कीमती प्रतिमाएं असुरक्षित रह रही है।
उधर, इसको लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला कार्यवाह अभय कुमार कहते हैं कि यह मुगलों के आतंक की भी निशानी है। मुगल काल में आतंक का आलम था कि हिंदू देवी देवताओं के प्रतिमाओं को खंडित करके तालाब और कुआं में फेंक दिया जाता था।
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