निजी स्कूल की शिक्षिका स्वाध्याय कर बीपीएससी में पाई सफलता
निजी स्कूल की शिक्षिका स्वाध्याय कर बीपीएससी में पाई सफलता
बरबीघा/शेखपुरा/ मुंगेर
ईमानदारी से किया गया प्रयास कभी असफल नहीं होता। यह बात बीपीएससी में सफलता प्राप्त करने वाली ज्योति कुमारी ने कही। ज्योति कुमारी ने पहले ही प्रयास में यह सफलता प्राप्त की है। और इसका श्रेय अपने मेहनत और परिवार को दिया है।
मूल रूप से मुंगेर के शेरपुर की रहने वाली ज्योति कुमारी और उनके पति रूपेश कुमार बरबीघा के सकलदेव नगर मोहल्ला में कई साल से रहते है। अभी में शेखपुरा में शिक्षिका के रूप में बीपीएससी से उनकी बहाली भी हुई थी और यह प्रशिक्षण प्राप्त कर रही थी।
ज्योति कुमारी निजी विद्यालय डिवाइन लाइट पब्लिक स्कूल में शिक्षिका के रूप में कार्यरत थी। वह एक बच्चों की मां भी है । रूपेश कुमार श्री कृष्ण सिंह आईटीआई कॉलेज में प्राचार्य के रूप में काम कर रहे थे। वहीं घर पर कोचिंग भी पढ़ा रहे थे।
ज्योति कुमारी ने पहले ही प्रयास में यह सफलता प्राप्त की है। शादी के 9 साल बाद पढ़ाई शुरू करके इस सफलता को प्राप्त करना बड़ी सफलता मानी जा रही है।
गृहणी होकर इस सफलता को प्राप्त करने पर ज्योति कुमारी ने कहा कि कभी कोई निराश नहीं होना चाहिए। साहस करके जब से कोई कुछ काम करना चाहे तभी से सफलता मिलती है । शर्त यह है कि ईमानदारी से सफलता के लिए प्रयास किया जाना चाहिए।
ज्योति कुमारी ने बताया कि 2013 में शादी के बाद पढ़ाई छूट गई। उसके चार साल के बाद स्नातक किया। उसके बाद 2021 में लॉकडाउन लगने के बाद बीपीएससी की तैयारी शुरू की और किसी तरह का ऑनलाइन कोर्स नहीं लिया ।
किताब से स्वाध्याय करते हुए यह सफलता प्राप्त की है। बताया कि समय-समय पर यूट्यूब पर विभिन्न वीडियो के माध्यम से मार्गदर्शन लेने का काम वह करती थी और करंट अफेयर्स के लिए भी यूट्यूब का सहारा लिया।
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