जन्मभूमि पर शिद्दत से याद किए गए बिहार केसरी, डॉ श्री कृष्ण सिंह आईटीआई में समारोह का आयोजन
जन्मभूमि पर शिद्दत से याद किए गए बिहार केसरी, डॉ श्री कृष्ण सिंह आईटीआई में समारोह का आयोजन
बरबीघा, शेखपुरा
स्वतंत्रता सेनानी बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ श्री कृष्ण सिंह को उनकी जन्मभूमि पर पुण्यतिथि के अवसर पर शिद्दत से याद किया गया। विभिन्न शैक्षणिक और सामाजिक संगठनों के द्वारा समारोह उनको श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर डॉ श्री कृष्ण सिंह आईटीआई में समारोह का आयोजन किया गया। वक्ताओं ने बिहार केसरी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला।
मौके पर शिक्षक गणनायक मिश्र ने बिहार केसरी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री अथवा किसी और पद से महापुरुषों की ऊंचाई को नहीं मापनी चाहिए। बिहार केसरी की ऊंचाई किसी भी पद और कुर्सी से बहुत ऊंची है। उन्होंने देश की आजादी का प्रण लिया और उसके लिए लगातार लड़ाई लड़ते रहे।
कई बार जेल भी गए। उनकी जीवनी पर प्रकाश डालते हुए शांति भूषण मुकेश ने कहा कि देश सेवा को वे परिवार से भी ऊंचा मानते थे और उन्होंने अपने लिए कोई भी धन संचय नहीं किया। इसके कई प्रमाण भी मिले। वहीं श्री कृष्ण जन्मस्थान संघर्ष समिति के अध्यक्ष अविनाश कुमार काजू ने कहा कि डॉ श्री कृष्ण का जन्म जिले के बरबीघा थाना क्षेत्र अंतर्गत माउर गांव में हुआ है। इसके कई प्रमाण है। परंतु राजनीतिक साजिश के तहत इधर-उधर की बातें हो रही हैं। इस अवसर पर मंच संचालन निदेशक अरुण साथी ने किया। मौके पर रजनीश कुमार राजे, प्राचार्य रूपेश कुमार, कुणाल कुमार, पंचा कुमार, सीमा कुमारी, अंजली कुमारी, धर्मवीर कुमार, उमेश कुमार, निशी गिरी इत्यादि की उपस्थिति रही। वहीं समारोह में बिहार केसरी की जीवनी और औद्योगिक विकास से जुड़े जीवन वृत्त के कैलेंडर का लोकार्पण भी किया गया।
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