
तमिलनाडु की तंजौर पेंटिंग बनाने वाली कौन है कृष्णा जिससे मिलकर डीएम के कहा, वाह

तमिलनाडु की तंजौर पेंटिंग बनाने वाली कौन है कृष्णा जिससे मिलकर डीएम के कहा, वाह
शेखपुरा:
जिले के सदर प्रखंड अंतर्गत गुन्हेशा गाँव की रहने वाली कृष्णा देवी की कला का प्रशंसा करने जिलाधिकारी आरिफ अहसन उनके घर पहुंचे। कृष्णा देवी तंजौर कलाकृतियों के निर्माण में निपुण हैं और समाज में अपनी एक अलग पहचान बना चुकी हैं।
तुलसी जीविका स्वयं सहायता समूह से जुड़ी कृष्णा देवी ने वर्ष 2022 से जीविका की मदद से विभिन्न सरस और आजीविका मेलों में भाग लिया है। उन्होंने पटना के गांधी मैदान और ज्ञान भवन से शुरुआत की और रांची, नोएडा, भुवनेश्वर, गुरुग्राम जैसे बड़े शहरों में अपनी कलाकृतियों को प्रदर्शित किया है।
जिलाधिकारी ने उनके घर जाकर उनकी कलाकृतियों का अवलोकन किया और उनकी प्रतिभा की सराहना की। उन्होंने कृष्णा देवी की पेंटिंग तैयार करने के लिए पर्याप्त स्थान की कमी को देखते हुए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि उन्हें उचित स्थान उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने पंचायत में जीविका भवन के निर्माण का भी आदेश दिया, जिससे जीविका दीदियों की बैठक और जीविकोपार्जन गतिविधियों को बढ़ावा मिल सके।
इस मौके पर कृष्णा देवी ने जिलाधिकारी को सम्मानित करते हुए अपनी बनायी हुई एक तंजौर कलाकृति भेंट की। उन्होंने डीएम का धन्यवाद करते हुए बताया कि वे गाँव की महिलाओं और बच्चियों को भी इस कला का प्रशिक्षण दे रही हैं।

तंजौर पेंटिंग क्या है?
तंजौर पेंटिंग, जिसे तंजावुर पेंटिंग भी कहा जाता है, दक्षिण भारत की एक पारंपरिक कला है। यह पेंटिंग अपनी विशिष्ट शैली और भव्यता के लिए जानी जाती है। तंजौर पेंटिंग में भगवानों, देवी-देवताओं और धार्मिक कथाओं को चित्रित किया जाता है। इन चित्रों में सोने की पन्नी, जीवंत रंग और जटिल डिज़ाइन का उपयोग किया जाता है, जो इन्हें एक अनोखा और आकर्षक रूप देते हैं। तंजौर पेंटिंग की उत्पत्ति तमिलनाडु के तंजावुर क्षेत्र में हुई थी और यह कला आज भी पारंपरिक कलाकारों द्वारा संरक्षित और प्रचलित है।




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