खबर का असर: निर्दयी मां ने मरने के लिए बेटी को फेंका, दयावान ईश्वर ने बचा लिया
अरियरी, शेखपुरा
बेटी के जन्म लेते ही मां बाप पर बेटी बोझ हो जाती हैं। इस बोझ का कारण समाज में बेटियों के प्रति भेदभाव, दहेज प्रथा सहित अन्य बातें भी होती है। इन्हीं सब बातों की वजह से निर्दयी मां ने अपने नवजात बेटी को तालाब के किनारे मरने के लिए फेंक दिया। परंतु ईश्वर दयावान हैं और उन्होंने बेटी को बचा लिया। गांव के लोगों ने बच्चे की रोने की आवाज सुनी और उसे तालाब के किनारे से निकाल लिया। फिर उस बेटी को नया जीवनदान मिल गया। इस खबर को शेखपुरा न्यूज़ डॉट कॉम ने ही केवल गुरुवार को ही प्रकाशित किया जिसका असर हुआ और आज बेटी को जीवन मिल गया।
दरअसल, यह पूरा मामला कसार थाना क्षेत्र के ससवना गांव का है। यहां तालाब के किनारे एक नवजात बेटी को फेंक दिया गया। तालाब में बच्ची के रोने की आवाज जब सुनी तो गांव के युवक भोला कुमार ने नवजात शिशु के रोने की आवाज सुनी तो उसे तालाब से निकाल लिया । फिर गांव के ही जयराम मोची की पत्नी रीता देवी के द्वारा नवजात शिशु का देखभाल की गई और इसकी सूचना मेडिकल टीम और पुलिस को दी गई। फिर गांव के लोगों ने जिला बाल संरक्षण इकाई को इसकी सूचना दी गई। वहां से बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक डॉ अर्चना कुमारी ने पहल किया और सामाजिक कार्यकर्ता श्रीनिवास के नेतृत्व में सामाजिक कार्यकर्ता कविता कुमारी और विजय पासवान को गांव भेजा गया। जहां से बच्ची को रेस्क्यू किया गया और शेखपुरा सदर अस्पताल में नवजात शिशु देखभाल केंद्र में उसे भर्ती कराया गया है। जहां शिशु को जीवनदान मिल गया। शिशु पूरी तरह से स्वस्थ होने के बाद उसे नवादा के दत्तक केंद्र में भेज दिया जाएगा। जहां उसका देखभाल होगा और कानून के अनुसार उसे किसी दंपत्ति को दिया जाएगा।
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