हास्य व्यंग्य: नववर्ष का सरकारी जूता उपहार पे पढ़िए जबरदस्त चुटकी
हास्य व्यंग्य: नववर्ष का सरकारी जूता उपहार पे पढ़िए जबरदस्त चुटकी
अरुण साथी/ वरिष्ठ पत्रकार
नव वर्ष पर सरकार ने लोगों के सेहत का ध्यान रखते हुए उपहार दिया है। सरकार ने जूते मंहगे कर दिए हैं। यह एक दूरगामी फैसला है। महंगाई बढ़ाओ भक्तजन संघर्ष समिति की बहुसदस्य सदस्यों ने सरकार को रिपोर्ट सौंपी। कहा गया कि राम का नाम लेकर देश में पेट्रोल महंगा हुआ। डीजल पेट्रोल से कंधा से कंधा मिलाकर पहली बार चल रहा है। यह समतामूलक समाज के निर्माण में एक सर्वश्रेष्ठ कदम है।
इसी के साथ रसोई गैस को दोगुना महंगा करके सरकार ने लोगों को अपने पैसे में खुद आग लगाने से रोकने की एक सराहनीय पहल की है। इसका शुभ प्रभाव पड़ा है। अनाज, बिस्कुट, सीमेंट आदि-अनादि वस्तुएं महंगी हुई है।
अच्छे दिन वाली सरकार है आई, कमर जोड़ महंगाई लाई। मजबूत देश के लिए मजबूत कमर का होना जरूरी है। देश की सभ्यता, संस्कृति से लोगों को जोड़ने और उनके सेहत का ख्याल रखने के लिए महंगाई आवश्यक है। लोगों के लिए पैदल चलना, गोबर-गोईठा से खाना बनाना, बैलगाड़ी का प्रयोग करना भारतीय सभ्यता, संस्कृति रही है। इसे पुनर्स्थापित करने के लिए वर्तमान सरकार कृत संकल्पित है।
देश और सभ्यता संस्कृति विरोधी ताकतें सर उठा रही है। ऐसी ताकतें जूता चलाओ आंदोलन शुरू कर सकती है। खुफिया विभाग ने भी यह रिपोर्ट सौंपी है। सरकार ने आनन-फानन में जूता पर जीएसटी बढ़ाकर उसे महंगा करने का निर्णय लिया। अब लोग पैदल चलेंगे तो स्वास्थ्य बढ़िया होगा। वैसे भी आदिम युग में पैदल ही लोग चलते थे। हमारी सभ्यता में जूता पहनने की परंपरा नहीं रही है। यह पाश्चात बीमारी है। पैदल चलना एक्यूप्रेशर का काम भी करता है। कई बीमारियों को दूर भगाता है। ना रहेगा जूता, ना चलेगा जूता। जय श्री राम। नव वर्ष मंगलमय हो।
व्यंग रचना लेखक के ब्लॉग से साभार। http://chouthaakhambha.blogspot.com
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