गिरिहिण्डा महोत्सव की तैयारी का डीएम ने लिया जायजा
गिरिहिण्डा महोत्सव की तैयारी का डीएम ने लिया जायजा
शेखपुरा
सोमवार की शाम गिरिहिंडा पहाड़ पर जिला विशेष महोत्सव 2023 के तहत मनाये जानेवाले गिरिहिण्डा महोत्सव के लिए तैयारियाँ जोर शोर से की जा रही है। भगवान शिव पर केंद्रित इस ऐतिहासिक कार्यक्रम से जहाँ इस ऐतिहासिक स्थल को एक नई पहचान मिलेगी वही दूसरी ओर एक पर्यटन केंद्र के रूप में वैश्विक पहचान भी प्राप्त होगा। जिलाधिकारी सावन कुमार ने अनुमंडल पदाधिकारी निशांत के साथ-साथ सामाजिक कार्यकर्ता शंभू यादव के साथ महोत्सव की तैयारियों का रविवार को जायजा लिया। वही अरधौती मंदिर से कलश यात्रा निकालने की तैयारी भी की गई।
गिरिहिंडा पहाड़ शेखपुरा जिले की पहचान है जहाँ 800 फीट ऊँची चोटी पर शिव पार्वती का एक प्राचीन मंदिर अवस्थित है, जिन्हें बाबा कामेश्वर नाथ मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण महाभारत काल के समय हुआ था। हिडिंबा नामक दानवी इस पहाड़ के शिखर पर निवास करती थी। पांडव पुत्र भीम अपने निर्वासन काल में अपने चार भाइयों एवं माता कुंती के साथ कुछ वक्त के लिए इस पहाड़ पर ठहरे थे । इसी दौरान महाबली भीम ने हिडिंबा के साथ गंधर्व विवाह किया था।
जिससे घटोत्कच नामक पुत्र की प्राप्ति हुई। एक मान्यता के मुताबिक गदाधारी भीम ने ही गिरिहिंडा पहाड़ पर शिवलिंग की स्थापना की थी। यह भी मान्यता है कि भगवान शिव के आदेश से भगवान विश्वकर्मा ने रातोंरात इस मंदिर का निर्माण कराया था। स्थानीय बुजुर्गो का कहना है कि इस शिवलिंग की खोज कामेश्वरी लाल नामक एक स्थानीय व्यक्ति के द्वारा की गई जिसने शिवलिंग को यहां से कहीं अन्यत्र ले जाने का प्रयास भी किया था परंतु उन्हें सफलता नहीं मिली ।आखिरकार उन्होंने हार मानकर भगवान शिव से क्षमा याचना की । कालांतर में उन्ही के नाम पर शिव पार्वती मंदिर का नाम कामेश्वर नाथ मंदिर के नाम से जाना जाने लगा और आसपास के क्षेत्रों में काफी विख्यात हो गया ।
आज भी यह मंदिर आस्था का केंद्र बना हुआ है प्रत्येक वर्ष कई मौकों पर यहां बड़े स्तर पर मेले का आयोजन होता है सावन एवं भादो माह में महिला एवं पुरुष मनोकामना लेकर यहां आकर पूजा-अर्चना करती हैं एवं पूर्णिमा के दिन भव्य मेला का आयोजन किया जाता है। जिसमें काफी संख्या में लोग भाग लेते हैं। अन्य विशेष अवसरों पर भी महिला एवं पुरुष अपनी मनोकामना पूर्ति हेतु पूजा अर्चना की जाती है। शिवरात्रि के अवसर पर यहाँ की सजावट देखते बनती है। यह स्थल धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण तो है ही साथ ही अपनी रमनीकता के कारण यह पिकनिक स्पॉट के रूप में भी काफी प्रसिद्ध है। नया वर्ष का जश्न हो या कोई भी अन्य महत्वपूर्ण अवसर यहाँ के लोगों के लिए यह स्थल मनपसंद स्थल के रूप में जाना जाता है। पहाड़ों पर स्थित होने के कारण यहां की छटा देखते ही बनती है।
Comment / Reply From
You May Also Like
Popular Posts
Newsletter
Subscribe to our mailing list to get the new updates!