वट सावित्री पूजा को उमड़ी भीड़ , ₹100 के फल ₹250 प्रति किलो बिके
वट सावित्री पूजा को उमड़ी भीड़ , ₹100 के फल ₹250 प्रति किलो बिके
शेखपुरा
वट सावित्री पूजा को लेकर बाजार में गुरुवार को भारी भीड़ उमड़ पड़ी । दिनभर जहां भीड़ के द्वारा खरीदारी की गई वहीं शाम होते-होते महिलाओं की सर्वाधिक भीड़ बाजारों में देखी गई ।
वट सावित्री पूजा को लेकर बढ़ते चलन की वजह से बाजार में वट सावित्री पूजा के सामग्री की बिक्री की गई। ऐसे में हाथ का पंखा, मिट्टी के बर्तन इत्यादि की बिक्री हुई। वहीं सेव, केला इत्यादि ऊंची कीमतों पर बेचे गए।
₹100 प्रति किलो का सेव 250 प्रति किलो, वही लीची ₹100 प्रति किलो से ऊंची कीमत पर बिक्री की गई। केला भी ₹30 दर्जन की जगह 70 प्रति दर्जन के हिसाब से बिक गई। अचानक से ग्राहकों की भीड़ की वजह से दाम में बढ़ोतरी किया गया।
बट सावित्री पूजा को विशेष धार्मिक महिलाओं द्वारा मनाया जाता है। यह पूजा हिन्दी पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को की जाती है। पूजा के दिन महिलाएं सुबह जल्दी उठती हैं और स्नान करके विशेष वस्त्र पहनती हैं। व्रत का पालन करने के बाद वे बट के पेड़ के नीचे बैठकर बट सावित्री माता की पूजा करती हैं। उन्हें बट के पत्रों, फूलों, दीपकों, धूप, नैवेद्य आदि से सजाते हुए पूजा की जाती है। पूजा के बाद महिलाएं व्रत का उपवास रखती हैं और व्रत का खान-पान तब तक नहीं करती जब तक कि पूजा पूरी न हो जाए। इस दिन महिलाएं अपने पतियों की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं और उनका व्रत खुशहाली और प्रेम से पूरा होने की कामना करती हैं।
भारत में बट सावित्री पूजा महिलाओं के बीच विशेष त्योहार के रूप में मनाई जाती है। यह पूजा विवाहित महिलाओं द्वारा की जाती है जो अपने पतियों की लंबी आयु, सुख, और समृद्धि की कामना करती हैं। इस त्योहार में महिलाएं व्रत रखती हैं और सौभाग्यवती और सुखी विवाहित जीवन की कामना करती हैं। इसके दौरान महिलाएं विशेष प्रकार की पूजा-अर्चना करती हैं और बट पेड़ों के नीचे बैठकर व्रत का पालन करती हैं। यह पूजा हिन्दू धर्म में प्रतिष्ठित है और भारत के विभिन्न भागों में अलग-अलग रूपों में मनाई जाती है।
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