• Wednesday, 27 November 2024
बिहार में भ्रष्टाचार पर एक डीएम का जीरो टॉलरेंस, शिक्षा विभाग पर रात में कर दी है बड़ी कार्रवाई

बिहार में भ्रष्टाचार पर एक डीएम का जीरो टॉलरेंस, शिक्षा विभाग पर रात में कर दी है बड़ी कार्रवाई

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जीरो टॉलरेंस की नीति पर शेखपुरा डीएम सावन कुमार, आधी रात को शिक्षा विभाग पर गिरी गाज

शेखपुरा

शेखपुरा जिला अधिकारी सावन कुमार जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रहे हैं। किसी भी तरह की कार्यवाही में वे पीछे नहीं हो रहे हैं। शिकायत मिलने पर उसके जड़ से समाधान में लग जाते हैं। जीरो टॉलरेंस की इसी नीति में जिलाधिकारी सावन कुमार ने रात में भी काम करना शुरू कर दिया है। जिलाधिकारी के रात में काम करने का ही परिणाम है कि जिला के स्थापना के हेड क्लर्क मनोज महतो के विरुद्ध जिलाधिकारी को जब शिकायत मिली तो जिलाधिकारी ने कार्रवाई शुरू कर दी।

टेंडर में गड़बड़ी को लेकर जिलाधिकारी ने कार्यालय कराया सील

शिक्षा के स्थापना के कार्यालय को जिलाधिकारी के आदेश पर रात्रि में सील कर दिया गया। रात्रि 9:00 बजे यह कार्रवाई अवर अनुमंडल पदाधिकारी राजीव कुमार ने की। इस मौके पर स्थापना के डीपीओ सतीश कुमार भी उपस्थित रहे।

 

विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी में बताया गया कि एक टेंडर को लेकर गड़बड़ी की गई थी। इस मामले में फाइल को ही गायब कर दूसरे को लाभ पहुंचाने के मामले में जिलाधिकारी तक शिकायत पहुंची। जिलाधिकारी ने शाम में उसे बुलाया तो मनोज गायब हो गए । जिसके बाद जिलाधिकारी ने कार्यालय से फाइल की हेराफेरी ना हो इसके लिए कार्यालय को ही सील करा दिया । जिलाधिकारी के इस जीरो टॉलरेंस की नीति और रात में भी सक्रियता को देखते हुए सभी महकमों में हड़कंप की स्थिति है। बताया जाता है कि मनोज सभी तरह के फाइलों और रिकॉर्ड का कस्टोडियन है । इस वजह से मनोज के कार्यालय को सील किया गया है। अब सभी अधिकारियों की उपस्थिति में कार्यालय को खोल कर फाइल खोला जाएगा।


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अपने मनमर्जी से कार्यालय को हांकता है मनोज

मनोज के बारे में मिली जानकारी में बताया गया कि मनोज अपने मनमर्जी से स्थापना के कार्यालय को हांकता है । अधिकारियों के बात को भी अनसुना कर देता है। राजनीतिक संरक्षण की वजह से वह ऐसा करता रहा है। शिक्षकों के वेतन निकासी में नाकों चने चबा देता है । बगैर शुभ लाभ के कोई काम नहीं करता। अभी हाल ही में मातृत्व अवकाश पर गई कई शिक्षिकाओं के वेतन को लंबित रखा है। महीनों से शिक्षिकाएं दौड़ रही हैं। एक शिक्षिका ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि मातृत्व अवकाश के वेतन निकासी के लिए जब वह मनोज से मिलने गयी तो अश्लील शब्द का प्रयोग किया गया। मनोज ने मातृत्व से जुड़ी कई आपत्तिजनक सवाल कर दिए जो अश्लीलता के दायरे में ही आता है। मातृत्व लाभ के लिए शिक्षिकाओं को परेशान करने का आरोप गंभीरता से मनोज पर लगा है।

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