• Saturday, 23 November 2024
जहां रेल रोकने के लिए एक दर्जन लोगों ने दे दी थी जान उसी बड़हिया में रेल पटरी पे जाम

जहां रेल रोकने के लिए एक दर्जन लोगों ने दे दी थी जान उसी बड़हिया में रेल पटरी पे जाम

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जहां रेल रोकने के लिए एक दर्जन लोगों ने दे
दी थी जान उसी बड़हिया में रेल पटरी पे जाम

लखीसराय/बड़हिया

बिहार के लखीसराय का बड़हिया 1957 ईस्वी में उस समय सुर्खियों में रहा जब बहुचर्चित ट्रेन तूफान एक्सप्रेस को रोकने के लिए गांव के लोगों ने बड़ा आंदोलन शुरू कर दिया। उस आंदोलन में गांव के लोग बड़हिया के रेलवे स्टेशन पर रेल लाइन पर धरने पर बैठ गए। नतीजा रहा कि तूफान एक्सप्रेस तो नहीं रुकी और धड़धड़ाती हुई कई लोगों को मौत के मुंह में पहुंचा दिया। एक दर्जन के आसपास लोगों की जान उस रेल हादसे में चली गई थी

उस समय बिहार के मुख्यमंत्री डॉ श्री कृष्ण सिंह थे और उन्होंने इस पर काफी दुख जताया था। उसी बड़हिया में फिर से रेल रोकने के लिए 24 घंटा से रेल पटरी को ग्रामीणों ने जाम कर दिया है। रेल पटरी के जाम होने से कई दर्जन ट्रेनों का आवागमन बंद हो गया है । कई ट्रेन का रास्ता बदलना पड़ा है। राजधानी एक्सप्रेस भी इसकी चपेट में है। रेल पटरी जाम से हावड़ा-पटना-दिल्ली रेलवे लाइन पर यातायात बाधित हो गया है। सोमवार की सुबह भी गांव के लोग रेल पटरी पर बैठे हुए हैं और जब तक मांग पूरी नहीं होगी। तब तक आंदोलन खत्म नहीं करने की बात कह रहे हैं।

अधिकारियों की मनमानी से बंद कर दी गई रुकने वाली ट्रेनें

बड़हिया के ग्रामीण एवं पत्रकार सौरभ कुमार ने बताया कि यहां कई ट्रेनें रुक रही थी परंतु कोरोना के नाम पर ट्रेनों को यहां रुकने के लिए बंद कर दिया गया। पिछले साल कई जगह धरना दिया गया और अधिकारियों से मुलाकात की गई तो 5 ट्रेनों का स्टॉपेज दिया गया परंतु महत्वपूर्ण 8 ट्रेनों का स्टॉपेज अभी भी नहीं दिया गया।

डीआरएम से कई बार आग्रह किया गया परंतु ये लोग नहीं मानते हैं। रेलवे के अधिकारी की मनमानी की वजह से यह सब हो गया है। बड़हिया के रेलवे स्टेशन पर आसपास के कई जिले के लोग भी रेलगाड़ी पकड़ते हैं परंतु अधिकारियों के माथे में यह बात नहीं जा रहे हैं। इस रेलवे स्टेशन से टिकट कटाने वालों की भी संख्या बहुत है। और यहां के लोगों को पटना या अन्य जगह जाने के लिए एकमात्र रेल ही माध्यम है।

रविवार को जिला अधिकारी से लेकर रेलवे के आला अधिकारी गांव वालों को समझाने के लिए आए थे परंतु ठोस विकल्प नहीं मिलने की वजह से आंदोलन अभी जारी है।

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बड़े-बड़े नेता और मंत्री भी हुए नाकाम

गांव वाले बता रहे हैं कि उनके गांव के ही केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह मोदी सरकार में कैबिनेट में मंत्री हैं। वहीं उनके ही गांव के विजय सिन्हा लखीसराय से भाजपा विधायक हैं और बिहार विधानसभा के अध्यक्ष हैं । साथ ही जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह भी मुंगेर लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं और बड़हिया उसी लोकसभा क्षेत्र में आता है। बावजूद गांव वाले इन लोगों के ऊपर अनदेखी का आरोप लगा रहे।

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