• Sunday, 24 November 2024
गांधी जी के लिए दुष्प्रचार करने और रोज गाली पढ़ने वालों के लिए क्या कह रहे समाजवादी शिवकुमार, पढ़िए

गांधी जी के लिए दुष्प्रचार करने और रोज गाली पढ़ने वालों के लिए क्या कह रहे समाजवादी शिवकुमार, पढ़िए

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गांधी जी के लिए दुष्प्रचार करने और रोज गाली पढ़ने वालों के लिए क्या कह रहे समाजवादी शिवकुमार, पढ़िए
  •  शिवकुमार

“धरा जब जब बिकल होती, मुसीबत का समय आता।

किसी भी रूप में कोई महामानव चला आता।”

               आज हमारा देश और पुरी दुनिया महात्मा गांधी की 150वी जन्मदिन मना रहा है। पुरी दुनियां जिसे महामानव के रूप मे स्वीकार कर रही है, वहीं अपने देश में ही एक वर्ग है जो गांधी को रोज गाली पढ़ रहा है। गांधी के विरुद्ध जो भी दुष्प्रचार हो सकता है, वह करने मे लगा है। गांधी जी कि जीवन यात्रा एक सामान्य मानव से महामानव की यात्रा है।
महान भौतिकी वैज्ञानिक आइंस्टीन ने कहा था “आगे आने वाली पीढी शायद ही विश्वास करेगी कि इस धरती पर गांधी नाम का कोई आदमी पैदा लिया था। ” यह सच है। गांधी का पुरा जीवन प्रयोगशाला है। गांधी ने पहले अपने पर नुस्खे आजमाये तब राष्ट्र और संसार को दिया। महावीर और बुद्ध की करूणा, दया, क्षमा और अहिंसा की जो धारा सूख गयी थी उसे फिर से इस धरती पर गांधी जी ने प्रवाहित किया था। मानवता की जो सेवा गांधी जी ने किया वह ईसा मसीह के बाद कोई नहीं कर सका। गांधी राजनेता से आगे थे। उनके चिन्तन मे मानवता होता था। यहीं कारण है कि गांधी जी एक राष्ट्र के नहीं रहकर पुरे विश्व के नायक बने।
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हमारा दुर्भाग्य ही है कि हम गांधी जी को आदर तो देते है पर अनुकरण नहीं करते। आज का भारत गांधी जी के “हमारे सपनो का भारत” से काफी दूर चला गया है। आजाद भारत के जिस सामाजिक , आर्थिक, राजनीतिक नीति का खाका गांधी जी ने खिचा था आज कहीं दिखता नहीं । गांधी का गांव जिसे वह “भारत की आत्मा ” कहते थे मरन्नासन है। गांव उजङ रहे और शहर बस रहे है। न हमारी अपनी राष्ट्रीय नीति है और न सोच। न हमारी संस्कृति सुरक्षित है, न हमारा संस्कार। पहनावा , ओढाबा, खान पान, रहन सहन, सब नकल की है। गांधी जी ठेठ भारतीय थे और हम अंग्रेज़ीयत के नकलची। यदि भारत को जिन्दा रहना है तो गांधी के अतिरिक्त इसके पास और कोई विकल्प नहीं है। गांधी को अपनाकर ही भारत जिन्दा रह सकता है।
  • (लेखक समाजवादी चिंतक और विचारक है। जेपी आंदोलन में सक्रिय भुमिका में रहे। वर्तमान में बरबीघा, शेखपुरा निवासी है।)
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