• Sunday, 24 November 2024
धान की खेत को पानी देने के लिए डीएम सख्त। कृषि वैज्ञानिक से किसानों को नहीं मिल रहा लाभ

धान की खेत को पानी देने के लिए डीएम सख्त। कृषि वैज्ञानिक से किसानों को नहीं मिल रहा लाभ

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शेखपुरा।

योगेन्द्र सिंह, जिला पदाधिकारी, शेखपुरा के अध्यक्षता में आज समाहरणालय के श्रीकृष्ण सभागार में सुखाड़ से निपटने हेतु विभिन्न विभागों की समीक्षात्मक बैठक हुई। लाल बच्चन राम जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि जिले में 49677 हेक्टेयर भूमि कृषि योग्य है। जिसमें में 30512 हेक्टेयर कृषि भुमि सिंचिंत है।

कार्यपालक अभियंता लघु सिंचाई ने बताया कि सरकारी नलकूपों को निजीकरण की प्रक्रिया चल रही है। जिलाधिकारी ने कहा कि इसकी जानकारी आम लोगों को नहीं है इसलिए इसका विज्ञापन अक्टूबर 2018 में पुनः करायें। प्राथमिकता के आधार पर जीविका या अन्य संस्थाओं को दिया जायेगा।

कार्यपालक अभियंता ने बताया कि निजी नलकूप योजना लगाने के लिए 193 किसानों को 41 लाख 25 हजार रूपये का भुगतान किया गया है। जिलाधिकारी ने कहा कि सामान्य दोष से बंद पड़े नलकूपों को ठीक करायें एवं धान के फसल को सिंचित कराना सुनिश्चित करें।

जिले में नहर से 17676 हेक्टेयर की सिंचाई की सुविधा है। सिरारी में नया नहर बनाने का कार्य प्रस्तावित हैं।

जिलाधिकारी ने कृषि विज्ञान केन्द्र के वरीय वैज्ञानिक विनय कुमार मंडल के कार्यकलाप के बारे में पूछा गया। उन्होने बताया कि कृषि विज्ञान केन्द्र के स्थापना 1996 में हुई है। केन्द्र का मुख्य कार्य किसानों को प्रशिक्षित करना है।

जिलाधिकारी के द्वारा उन्नत कृषि के बारे में कई प्रश्न पूछा गया लेकिन किसी प्रश्न का उन्होने संतोषजनक उतर नहीं दिये। जिलाधिकारी ने इसे गम्भीरता से लिया है और निदेश दिया है कि जिले अपनी उपयोगिता को सिद्ध करें।

करीब 20 वर्ष पहले कृषि विज्ञान केन्द्र पहले स्थापना हुई हैं लेकिन किसानों को इसका समुचित लाभ नहीं मिला है। अभी कृषि विज्ञान केंद्र में पांच वैज्ञानिक कार्यरत है। लेकिन कृषि विकास के क्षेत्र में कोई उल्लेखनीय कार्य नहीं किया जा रहा हैं। जिलाधिकारी ने वरीय वैज्ञानिक को निर्देश दिया कि जिला कृषि पदाधिकारी, जीविका, पशूपालन आदि के साथ समन्वय करते हुए उन्नत कृषि कार्य कराना सुनिश्चि करें। जिलाधिकारी ने कहा कि मैं कृषि विज्ञान केन्द्र का भौतिक निरीक्षण करूंगा। प्रशिक्षण में जीविका, दीदीयों को भी शामिल करने को निदेश दिया।

सात निश्चय अंतर्गत येाजना की तहत हर घर नल जल योजना की समीक्षा की गई कार्यपालक अभियंता, पी0एच0ई0डी0 ने बताया कि 312 वार्ड में कार्य चल रहा है। इसमें से 138 विभागीय है। जिलाधिकारी ने कहा कि पारदर्शिता एवं गुणवत्ता के साथ कार्य कराना सुनिश्चित करें। उनके कार्यकलाप में सुधार लाने का भी नसीहत दिये।

कार्यपालक अभियंता ने बताया कि 50 प्रतिशत कार्य अक्टूबर माह तक पूर्ण कर लिया जायेगा। अभी 84 वार्ड में कार्य पूर्ण हो गया है जिसकी सूची जिलाधिकारी ने सुलभ कराने का निदेश कार्यपालक अभियंता पी0एच0इ0डी0 को दिये।

हर घर नल की जल योजना की समीक्षा विभिन्न प्रखंडों का भी किया गया। घाटकुसुम्भा के प्रखंड विकास पदाधिकारी ने कहा कि इसके लिए 23 वार्ड का चयन किया गया है। जिसमें से 06 वार्ड का कार्य शूरू कर दिया गया है। चेवाडा प्रखंड में 36 वार्ड में नल जल योजना शूरू कर दिया गया है। बरबीघा प्रखंड में 66 वार्ड का चयन नल जल योजना के लिए किया गया है। अक्टूबर तक 20 वार्ड में नल जल योजना पूर्ण हो जायेगा।

जिलाधिकारी ने कहा कि 30 वार्ड में कार्य पूर्ण करायें। शेखुपरा प्रखंड के 83 वार्ड में नल जल योजना क्रियान्वित करना है। जिलाधिकारी ने कहा प्राक्कलन बना कर 50 वार्ड में शीघ्र कार्य शूरू करावें। उन्होने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी को निदेश दिया कि हर घर नल की जल की योजना को लागू करने की सर्वोच्च प्राथमिकता दें।

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विभिन्न प्रखंडों में हर घर तक नल जल योजना का लागू करने के लिए 02 करोड़ 22 लाख 99 हजार की राशि वार्ड मेम्बर के खातों में बैंकों से हस्तांतरित किया गया है। जिन क्षेत्रों में पानी में फ्लोराईट की मात्रा पायी जायेगी वहां नल जल का कार्य कार्यपालक अभियंता पी0एच0इ0डी0 के द्वारा किया जायेगा।

कार्यपालक अभियंता, विद्युत ने बताया कि 13 सरकारी नल को विद्युत दोष के कारण बंद थे जिसमें से 08 को चालू कर दिया गया है। कार्यपालक अभियंता लघु सिंचाई को निदेश दिया है कि संयुक्त दोष से बंद 40 नलकूपों को चालू करने के लिए यथाशीघ्र विभाग से अनुमति प्राप्त कर लें। कार्यपालक अभियंता विद्यूत ने बताया कि जिले में 25 बड़े फीडर चालू हैं। जिले में अभी 20-22 घण्टे विद्युत की आपूर्ति की जा रही है। जिलाधिकारी ने कहा कि विशेष कैम्प लगा कर लोगों को विद्युत कनेक्शन लेने के लिए जागरूक करें एवं विजली चोरी पर रोकथाम लगायें।

जिलाधिकारी के द्वारा सिंचाई के लिए डीजल अनुदान की समीक्षा की गई इसके लिए 15743 किसानों ने निबंधन कराया हैं। डीजल अनुदान के लिए 93000 आॅनलाईन आवेदन प्राप्त हुए है। जिसमें जिला कृषि पदाधिकारी के द्वारा 7744 आवेदनों को सत्यापित कर 46 लाख 62 हजार 480 रूपये लाभुकों के खाता में डाला गया है। जिलाधिकारी ने कहा कि आवेदनों के सत्यापन कार्य में तेजी लायें और किसानों से आवेदन लेने की प्रक्रिया को सरल बनायें।

जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि 2184 लाभुकों के बीच 127 क्वंटल मक्का के बीज एवं 2095 लाभुकों के बीच अरहर का बीच वितरण किया गया हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि सभी किसानों की सूची संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी को दें जिसकी जांच करायी जायेगी। आकस्मिक फसल योजना के तहत 4279 किसानों को लाभ पहुंचाया गया है।

आज की बैठक में निरंजन कुमार झा, उप आयुक्त, प्रमोद कुमार जिला पंचायती राज पदाधिकारी, सत्येन्द्र प्रसाद जिला जन सम्पर्क पदाधिकारी, सभी कार्यपालक अभियंता एवं सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी के साथ जिले के कई पदाधिकारी उपस्थित थे।

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