• Monday, 23 June 2025
Good News: इनसे सीखिए : ठंढ से पौधे को जुगाड़ से बचा रहे किसान, कर रहे है खुशहाली की खेती

Good News: इनसे सीखिए : ठंढ से पौधे को जुगाड़ से बचा रहे किसान, कर रहे है खुशहाली की खेती

stmarysbarbigha.edu.in/

बरबीघा।

पोली फार्मिंग और मशरूम की खेती से युवा किसान खुशहाल हो रहे हैं। यह किसान बरबीघा प्रखंड के गंगटी गांव निवासी उदय शंकर उर्फ चुन्नी कुमार है। किसान कहते हैं कि आधुनिक और वैज्ञानिक तरीके से खेती करने पर ही किसानों के घर में खुशहाली आएगी । इसलिए वे पिछले कई सालों से मशरूम की खेती कर रहे हैं। जाड़े के मौसम में मशरूम की मांग बढ़ने की वजह से जाड़े के मौसम में इसकी खेती करना अधिक पसंद करते हैं और इसकी बिक्री भी बाजार में हो जाती है जिससे अच्छी आमदनी होती है।

पॉली फार्मिंग का प्रशिक्षण नालंदा जिले के नूरसराय से

वहीं इस वर्ष पॉली फार्मिंग का प्रशिक्षण नालंदा जिले के नूरसराय के कृषि विज्ञान केंद्र से हासिल किया और फिर उसे अपने खेत में आजमाया। किसान चुन्नू कुमार के द्वारा करेले की खेती के लिए पॉली फार्मिंग की जा रही है। इसके लिए उनके द्वारा खेत में करेले का पौधा लगाया गया है और उसे भीषण ठंड से बचाने के लिए पॉलिथीन से घेर दिया गया है । इस पॉली फॉर्मिंग की जानकारी वैज्ञानिकों के द्वारा प्राप्त की गई थी और प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद इसे अपनाया गया है। चुन्नू कुमार कहते हैं कि सब्जी की खेती से किसान तभी आमदनी प्राप्त कर सकते हैं जब वे समय से पूर्व इस खेती को अपनाएंगे और अच्छी आमदनी तभी हो पाएगी। उन्होंने कहा कि जाड़े के समय में करेले का पौधा नहीं लगता है और पॉली फार्मिंग को अपनाकर उनके द्वारा आधुनिक और वैज्ञानिक खेती की जा रही है। पौधा धीरे-धीरे बढ़ रहा है और जब जाड़ा खत्म हो जाएगा तो करेले की सब्जी में फल लगने लगेगा और फिर इसे अच्छी आमदनी शुरू हो जाएगी।

गेहूं और चावल के उत्पादन करके ही किसान के घर खुशहाली नहीं

उन्होंने बताया कि आज के समय में केवल गेहूं और चावल के उत्पादन करके ही किसान के घर खुशहाली नहीं आ सकती। इसके लिए वैज्ञानिक द्वारा बताए गए पद्धति को अपनाना अति आवश्यक है और इसीलिए वे सब्जी उत्पादन तथा मशरूम उत्पादन में लग गए हैं और इससे अच्छी आमदनी प्राप्त कर रहे हैं।

फरसबीन नामक सब्जी का पैदावार

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उन्होंने बताया कि फरसबीन नामक सब्जी का पैदावार इधर नहीं होता था उनके द्वारा प्रयोग के तौर पर इसकी खेती शुरू की गई आज उनके गांव में कई किसान इस सब्जी की खेती कर रहे हैं और इसे ऊंची कीमत पर बाजार में बेच रहे हैं और अच्छी आमदनी भी हो रहे हैं।

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