• Friday, 01 November 2024
विश्व स्तनपान सप्ताह: जन्म के एक घंटे के अंदर स्तनपान नहीं कराने पर शिशु को है मौत का  कितना खतरा

विश्व स्तनपान सप्ताह: जन्म के एक घंटे के अंदर स्तनपान नहीं कराने पर शिशु को है मौत का  कितना खतरा

DSKSITI - Small

विश्व स्तनपान सप्ताह: जन्म के एक घंटे के अंदर स्तनपान नहीं कराने पर शिशु को है मौत का खतरा

शेखपुरा
जिले में स्तनपान को बढ़ावा देने के लिए 01 अगस्त से विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जा रहा है। जिसके तहत जिले के सभी प्रखंडों में लगातार विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन कर इस सप्ताह समारोह को सफल बनाने के लिए धातृ माताओं को जागरूक किया जा रहा है। इसी कड़ी में गुरूवार को जिले के अरियरी प्रखंड के चोरदारगाह स्थित ऑंगनबाड़ी केंद्र संख्या 56 पर गर्भवती और धात्री माताओं के एक बैठक किया गया। जिसमें उक्त ऑंगनबाड़ी केंद्र की सेविका समेत बड़ी संख्या में पोषक क्षेत्र की गर्भवती और धातृ माताएं शामिल हुईं। इस दौरान केंद्र की सेविका शाहिदा जमाल ने मौजूद गर्भवती और धातृ माताओं को संबोधित करते हुए कहा, स्तनपान ना सिर्फ शिशु का सर्वोत्तम आहार है। बल्कि, मौलिक अधिकार भी है। इसलिए, सभी माताएं को पुरानी प्रथा से बाहर आकर जन्म के एक घंटे के अंदर शिशु को स्तनपान कराना शुरू करना चाहिए और छः माह तक सिर्फ सिर्फ स्तनपान ही कराना चाहिए।

नवजात मृत्यु दर की संभावना 33 % अधिक

इसके बाद कम से कम दो वर्षों तक उपरी आहार के साथ स्तनपान भी जारी रखना चाहिए। इससे ना सिर्फ शिशु का सर्वांगीण शारीरिक विकास होगा। बल्कि, रोग-प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत होगा और शिशु कई संक्रामक बीमारी से सुरक्षित होगा। एक घंटे के अंदर शिशु को स्तनपान नहीं कराने से नवजात मृत्यु दर की संभावना 33 % अधिक होती है। इस दौरान शिशु के पोषण का आधार है, माँ का दूध ही सर्वोत्तम आहार है…समेत अन्य नारे पर बल दिया गया। इस मौके पर आईसीडीएस जिला प्रोग्राम समन्वयक पंकज कुमार वर्मा, जिला परियोजना सहायक आईसीडीएस संजय कुमार, जिला परामर्शी कमल कुमार, पिरामल फाउंडेशन के सौरव सिन्हा, सेराज हसन, नेहा कुमारी आदि मौजूद थे।
 

– जिले के सभी प्रखंडों में धातृ माताओं को किया जा रहा है जागरूक :

आईसीडीएस के जिला प्रोग्राम समन्वयक पंकज कुमार वर्मा ने बताया, जिले के सभी प्रखंडों में सरकारी स्वास्थ्य संस्थान, ऑंगनबाड़ी केंद्र समेत अन्य जगहों पर कार्यक्रम का आयोजन कर धातृ माताओं को जागरूक किया जा रहा है। जिसके दौरान स्तनपान से होने वाले फायदे, इसके महत्व, स्तनपान शिशु के क्यों और कितना जरूरी है समेत अन्य जानकारियाँ दी जा रही है। वहीं, उन्होंने बताया, शिशु का सर्वांगीण शारीरिक व मानसिक विकास के लिए जन्म के पश्चात छः माह तक सिर्फ और सिर्फ माँ का दूध जरूरी है। इससे शिशु का ना सिर्फ शारीरिक और मानसिक विकास होता है। बल्कि, रोग-प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूती मिलती है, जो संक्रामक बीमारी से बचाव करता है। इसलिए, सभी शिशु को जन्म के पश्चात छः माह तक सिर्फ और सिर्फ माँ का ही दूध पिलाएं। इसके बाद ही उपरी आहार देना शुरू करें। इसके अलावा पुरानी ख्यालातों और अवधारणाओं से बाहर आकर जन्म के एक घंटे के अंदर ही बच्चे को दूध पिलाना शुरू कर दें। माँ यह गाढ़ा-पीला दूध बच्चों के लिए अमृत के समान होता है।
DSKSITI - Large

– छः माह के बाद भी उपरी आहार के साथ दो वर्षों तक स्तनपान भी जरूरी :

पिरामल फाउंडेशन के सेराज हसन ने बताया, शिशु को जन्म के पश्चात छः माह तो सिर्फ माँ का दूध ही सेवन तो जरूरी है ही, इसके बाद भी कम से कम दो वर्षों तक उपरी आहार के साथ स्तनपान भी जरूरी है। तभी शिशु का सर्वांगीण शारीरिक व मानसिक विकास और स्वस्थ शरीर का निर्माण होगा। साथ ही रोग-प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूती मिलेगी और संक्रामक रोग से भी दूर रहेगा। इसलिए, स्तनपान कराने वाली सभी माताओं को पुरानी ख्यालातों और अवधारणाओं से बाहर आकर दो वर्षों तक अपने शिशु को स्तनपान कराना चाहिए।
new

SRL

adarsh school

st marry school

Share News with your Friends

Comment / Reply From