यौन हिंसा पर डॉक्टरों को इसलिए किया गया प्रशिक्षित
यौन हिंसा पर डॉक्टरों को इसलिए किया गया प्रशिक्षित
शेखपुरा
केयर इंडिया के द्वारा जिला स्तर पर आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण सेक्सुअल वायलेंस के ऊपर दिनांक 3 मार्च 2022 को सभाकक्ष सिविल सर्जन कार्यालय शेखपुरा में आयोजित किया गया । इस मौके पर सभी प्रखंड के चिकित्सा पदाधिकारी उपस्थित हुए। इस प्रशिक्षण में सेक्सुअल वायलेंस से संबंधित निम्नलिखित बिंदु पर चर्चा की गई –
संबंधित गाइडलाइन
चिकित्सा पदाधिकारी के अधिकार
साक्ष्य संग्रहित करना
कंसेंट फॉर्म भरना
पीड़िता का इतिहास पता करना
कानूनी विधि तथा नमूना संग्रह के बारे में विस्तार से बताया गया । यह ट्रेनिंग केयर इंडिया के राज्य प्रतिनिधि अंशु कुमारी तथा फैसिलिटेटर श्री अभिनव कुमार द्वारा दी गई । जिसमें बताया गया कि चिकित्सा पदाधिकारी को किस तरह से अपने कार्य को संपन्न करना है तथा नई गाइडलाइन के अनुसार 96 घंटे के अंदर हमें सैंपल भी कलेक्ट कर लेना है मेडिकल लीगल एग्जामिनेशन रिपोर्ट को हम किस तरह से भरेंगे चिकित्सा पदाधिकारी को सिर्फ एग्जामिनेशन रिपोर्ट देना है ना कि वह अपना उस पर निर्णय लिखेंगे। क्योंकि यह कानूनी प्रक्रिया है जिसमें चिकित्सा पदाधिकारी को अपना अधिकार पता होना अनिवार्य है ताकि वह बिना दबाव अपना कार्य संपन्न कर सके। प्रशिक्षण के दौरान मेडिकल किट भी दिखाई गई जो कि चिकित्सा पदाधिकारी को साक्ष्य संग्रहण में मदद मिलेगी तथा इस किट को जिला एवं प्रखंड स्तर पर सभी पीएससी एवं एपीएससी पर उपलब्ध कराने की योजना भी की जा रही है । तथा सेक्सुअल वायलेंस संबंधित जिला स्तर पर सिविल सर्जन की अगुवाई में एक कमेटी भी बनाई जाएगी जो कि इस तरह के सारे केसेस को जिला स्तर पर देखेंगे।
उपस्थित चिकित्सा पदाधिकारी ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया तथा वाद विवाद में भी प्रतिभागी रहे । प्रशिक्षण में मौजूद सिविल सर्जन डॉ पृथ्वीराज, डीपीएम श्याम कुमार निर्मल तथा केयर इंडिया के DTL अभिनव कुमार एवं आलोक कुमार सहित अन्य मौजूद रहे। सिविल सर्जन शेखपुरा द्वारा इस पहल की काफी प्रशंसा की गई तथा चिकित्सा पदाधिकारियों के साथ अपने अनुभव को भी साझा किया तथा नई गाइडलाइन, चिकित्सा पदाधिकारी के अधिकार पर चर्चा भी की गई तथा रेप पीड़िता के साथ अच्छा व्यवहार किया जाए और जो फर्स्ट लेवल पर ट्रीटमेंट ठीक से किया जाए तथा मेडिकल लीगल फॉर्म सही तरीके से भर कर तथा पीड़िता को उपस्थित पीएससी में सुरक्षा गार्ड के साथ जिला अस्पताल लाया जाए ताकि उनकी आगे की कार्रवाई सही तरीके से की जाए तथा केयर इंडिया के DTL अभिनव कुमार के द्वारा मेडिकल ऑफिसर से उनके पूर्व अनुभव साझा किए गए तथा सुझाव भी लिए गए तथा इस संदर्भ में और बेहतर करने का प्रयास किया जाए तथा न्यायपालिका, प्रशासनिक तथा स्वास्थ्य कर्मियों को मिलकर इसमें काम करने का सुझाव दिया गया ताकि हम कम से कम समय में पीड़िता या पीड़ित को न्याय दिला सके।
इस खबर को अपनों के बीच यहां से शेयर करें
Comment / Reply From
You May Also Like
Popular Posts
Newsletter
Subscribe to our mailing list to get the new updates!