WHO रिपोर्ट: एक तिहाई बच्चे कुपोषण का शिकार, 51.4% महिलाओं को एनीमिया
शेखपुरा
विश्व स्वास्थ्य संगठन की ग्लोबल न्यूट्रीशन रिपोर्ट 2018 के मुताबिक भारत में एक तिहाई बच्चों की आबादी बौनापन एवं कुपोषण का शिकार हैं और प्रजनन संख्या की आबादी की 51.4% महिलाएं एनीमिया की शिकार हैं।
उक्त बातें जीविका की जिला परियोजना प्रबंधक अनीशा ने शेखपुरा जिला अंतर्गत सदर प्रखंड के सभी 15 पंचायतों के जीविका सामुदायिक उत्प्रेरकों के स्वास्थ्य पोषण एवं स्वच्छता संबंधी व्यवहार परिवर्तन के प्रशिक्षण में कही।
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य, स्वच्छता और देश का विकास एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। हमारे देश में स्वच्छता गंभीर चुनौती है क्योंकि संसार में सबसे अधिक लगभग 60% लोग खुले में शौच करते हैं। अस्वच्छता से अतिसार, बच्चों में कुपोषण और शारीरिक विकास में कमी व अन्य खतरनाक बीमारियां उत्पन्न होती हैं जिनसे मनुष्य के जीवन को बहुत बड़ा खतरा है।
स्वच्छता से स्वास्थ्य एवं स्वास्थ्य से समृद्धि के अतिरिक्त स्वच्छता एवं सफाई से देश विश्व के पर्यटन मानचित्र पर अपनी असल पहचान बनाता है।
स्वास्थ्य, पोषण एवं स्वच्छता हेतु व्यवहार परिवर्तन के विषय जीविका का एक प्रशिक्षण कैलेंडर बना हुआ है जिसके आधार पर हम समय-समय पर सामुदायिक उत्प्रेरकों एवं संगठनों के सदस्यों को प्रशिक्षण उपलब्ध कराकर उनके व्यवहार में परिवर्तन लाने की दिशा में काम करते हैं।
उन्होंने बताया कि गर्भवती महिलाओं के खान-पान के साथ-साथ समय-समय पर उनकी जांच एवं टीकाकरण की सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं के प्रति समूहों में जीविका दीदियों को जागरुक कर प्रेरित करने का प्रयास निरंतर किया जा रहा है। इसके साथ-साथ मीजल्स रूबेला टीकाकरण के संदर्भ में भी गांव-गांव में जागरूकता रैली एवं समूहों में चर्चा की जा रही है।
आकांक्षी जिला होने के नाते शेखपुरा में स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण विषय पर निरंतर जीविका परियोजना अंतर्गत समूह एवं सामुदायिक संगठनों में व्यवहार परिवर्तन करने का प्रयास किया जा रहा है जिसका प्रभाव जमीनी स्तर पर देखने को भी मिल रहा है। मोबाइल एप के माध्यम से शौचालय निर्माण की स्थिति की जांच की शुरुआत होने जा रही है। स्वास्थ्य एवं पोषण से संबंधित मोबाइल एप के माध्यम से जिला एवं राज्य स्तर पर अनुश्रवण एवं मूल्यांकन किया जा रहा है। इस बाबत आकांक्षी जिला प्रभारी रजीत पुनहानि एवं जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह की अध्यक्षता में समय-समय पर समीक्षा भी की जा रही है।
उन्होंने कहा कि, अगर समाज स्वस्थ्य और स्वच्छ ही नहीं होगा तो फिर जीविकोपार्जन की दिशा में उठाए गए कदम भी व्यर्थ होंगे।
प्रतिभागियों को प्रशिक्षण देने जीविका राज्य कार्यालय से आयी रश्मि रंजन ने बताया कि इस प्रशिक्षण में स्वास्थ्य पोषण एवं स्वच्छता के व्यवहार परिवर्तन विषय पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिसमें शौचालय निर्माण के बाद उसके निरंतर प्रयोग के बारे में बतलाया जा रहा है। खुले में शौच मुक्त होने के बाद उनके व्यवहार में परिवर्तन लाना बहुत आवश्यक है जिसके लिए विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के माध्यम से जागरुकता लाने के तरीकों पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
इस प्रशिक्षण में रिसोर्स पर्सन के रूप में रश्मि रंजन, पूनम कुमारी, किरण कुमारी, तरन्नुम परवीन एवं संजीव कुमार उपस्थित थे।
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