बरबीघा पुलिस का क्या है पकड़ो-छोड़ो फार्मूला, SP तक पहुंचा मामला
बरबीघा पुलिस का क्या है पकड़ो-छोड़ो फार्मूला, SP तक पहुंचा मामला
बरबीघा
बरबीघा प्रखंड के बेलाव पंचायत के मुखिया रघुनाथ मांझी को जान से मारने की सुपारी लेने का ऑडियो वायरल हुआ है। इस मामले में प्राथमिकी दर्ज हुई है। इसमें गांव के ही युवकों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है। इस मामले में एक नया मोड़ भी सामने आया है जिसमें पुलिस पर मुखिया रघुनाथ मांझी ने उंगली उठाई है।
जान से मारने की धमकी मामले में मुखिया के द्वारा पुलिस अधीक्षक को आवेदन दिया गया है इस आवेदन में मुखिया ने बरबीघा पुलिस के पदाधिकारियों के पकड़ो छोड़ो फार्मूले पर सवाल उठाया है। पुलिस की यह कार्यप्रणाली विवादों में रही है। कई बार साइबर अपराधी को पकड़ा गया है और छोड़ दिया गया है। इस को लेकर सवाल भी उठे कई बार बाइक चोरों के साथ इसी तरह का मामला सामने आया है। इन सारे प्रकरण में पुलिस पर मुखिया के द्वारा सवाल उठा दिया गया है। पुलिस अधीक्षक को आवेदन देख कर पकड़ो, छोड़ो फार्मूले के तहत साइबर अपराध के पकड़े जाने और उसे छोड़ देने की बात कही गई है। इसमें सुपारी किलर के बातचीत की रिकॉर्डिंग में उसी युवक का नाम आया है।
पुलिस अधीक्षक को दिए आवेदन में मुखिया ने आरोप लगाया है कि सोनी रावत के पुत्र राजकुमार कुछ महीना पहले बरबीघा थाना के एस आई असलम खान एवं सुनील सिंह के द्वारा बैंक एटीएम फ्रॉड के मामले में पकड़ा गया था। चोरी का एक अपाचे मोटरसाइकिल भी बरामद किया गया था। परंतु पुलिस के पकड़ो छोड़ो फार्मूला के आधार पर उसे छोड़ दिया गया था। यही सब ग्रुप बनाकर अपराध की घटनाओं को अंजाम दे रहा है। अब यह पूरा मामला पुलिस अधीक्षक कार्तिकेय शर्मा के संज्ञान में लिखित रूप से चला गया है । अब इस पूरे मामले में क्या कार्रवाई होती है यह तो समय बताएगा। हालांकि पुलिस अधीक्षक के द्वारा इसी फार्मूले के तहत पकड़े जाने पर सुनील सिंह को लाइन हाजिर किया गया था।
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