यहां भी मिले बुद्ध से जुड़े प्रमाण ! पर्यटन का होगा विकास…
शेखपुरा
शेखपुरा जिला में भी बुद्ध से जुड़े होने के प्रमाण मिलने के बाद यहां पर्यटन क्षेत्र के विकास होने की संभावना बढ़ गई है। ताजा मामला जिले के पचना गांव में मिले देवी प्रतिमा से जुड़ा हुआ है। इस प्रतिमा को शोधकर्ताओं के द्वारा भगवान बुद्ध से जोड़कर देखा जा रहा है।
क्या कहते हैं और आर्कियोलॉजिस्ट
प्रतिमा के बारे में शोधकर्ता एवं आर्कियोलॉजी अधिकारी रहे मनोज कुमार ने बताया कि यह प्रतिमा भगवान बुद्ध के अनुयायियों की द्वारा बनाई गई प्रतिमा है जो 11वीं एवं 12 वीं सदी की प्रतिमा है। प्रतिमा वज्र तारा देवी की है और इनके बगल में बनी प्रतिमा चार अन्य देवियों की है। जिनको दीप तारा, धूप तारा, पुष्प तारा और गंध तारा कहा जाता है। मनोज कुमार हरिद्वार के एक संग्रहालय में संग्रहालय अध्यक्ष हैं और यह बिहार के गया जिले के रहने वाले हैं।
ध्यान साधना का केंद्र
उन्होंने बताया कि यह सब दुनिया में मंडल तारा से जुड़ा एकमात्र प्रमाण साबित हो सकता है बशर्ते पुरातत्व विभाग इसकी गहनता से खोदाई करें। इस स्थल पर मंडल तारा होने के पूरे प्रमाण है। जिसे ग्रामीण पनचक्की कह रहे हैं दरअसल वह मंडल तारा के होने का अनुमान है। एक विशेष पूजा में उपयोग में लाया जाता था । जिसे बौद्ध धर्मावलंबियों के द्वारा ध्यान और साधना में उपयोग किया जाता था।
बढ़ी संभावना
पुरातत्व विभाग बिहार सरकार के पुरातत्व विभाग ने इस स्थल के छानबीन में जुट गई है। पुरातत्व विभाग के पहल पर इसकी खोदाई होने की बात भी सामने आ रही है। यदि खोदाई हो तो जिला भी पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो सकता है।
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