मनरेगा के नाम पर खाता खुला कर ठगी करने वालों को उत्तराखंड पुलिस ने पकड़ा
शेखपुरा
नालंदा जिले के कतरीसराय और झारखंड के जामताड़ा को साइबर ठगी का सबसे बड़ा गढ़ माना जाता है । ठगी के इस हब से निकलकर अब शेखपुरा जिले में भी गांव-गांव साइबर ठगों का गिरोह सर उठाने लगा है। साइबर ठगी के इस मामले में कई युवकों को पिछले दिनों पुलिस कप्तान कार्तिकेय शर्मा के द्वारा सलाखों के पीछे भी भेजा गया। परंतु साइबर ठगी करने वाले इसमें बाज नहीं आ रहे। ताजा मामला भी इसी तरह से जुड़ा हुआ है। साइबर ठगों उत्तराखंड पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और उसे अपने साथ ले गइ।क्या है पूरा मामला कैसे किया जाता ठगी
दरअसल यह पूरा मामला साइबर ठगी से जुड़ा हुआ है। जिले के चाडे गांव निवासी संतोष मलिक को उत्तराखंड की पुलिस ने साइबर ठगी में गिरफ्तार किया है। इसमें लॉटरी में इनाम जीतने और पेट्रोल पंप दिलाने के नाम पर ₹17 लाख से अधिक की ठगी की गई। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिला के सब इंस्पेक्टर निरंजन कुमार के नेतृत्व में टीम यहां पहुंची और संतोष मलिक को गिरफ्तार किया।मनरेगा के नाम पर खाता
पुलिस ने बताया कि यह लोग मनरेगा के नाम पर गरीब लोगों का खाता खुलवाते थे और फिर उसका एटीएम भी बनवा लेते थे। इसी एटीएम पर साइबर के द्वारा पैसे की लेनदेन होती थी। ₹10000 गरीब को देकर एटीएम और खाता ले लिया जाता था और साइबर गिरोह को इसे ₹50000 में बेच दिया जाता था। उसी पर साइबर ठगी का सारा कारोबार होता था। नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों को भी पकड़ने के लिए पुलिस छापेमारी की जिसमें चेवाड़ा थाना के बेलछी गांव में भी छापेमारी की गई परंतु वहां से ठग भाग खड़ा हुआ।
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