किसानों के नुकसान का फिर हुआ कम आकलन, मुआवजा मिलने की संभावना पर खतरा
किसानों के नुकसान का फिर हुआ कम आकलन, मुआवजा मिलने की संभावना पर खतरा
शेखपुरा
शेखपुरा जिले में अक्टूबर महीने में मूसलाधार बारिश की वजह से धान की फसलों को भारी नुकसान हुआ था। आलम यह रहा कि अभी तक खेत में कई जगह पानी होने से धान की फसल की कटाई नहीं हो सकी। परंतु जिले में 33% से कम नुकसान का आकलन राज्य सरकार को भेजे जाने की वजह से उसका मुआवजा किसानों को नहीं मिला। एक बार फिर पिछले दिनों ओलावृष्टि और बरसात से किसानों की फसल को भारी नुकसान हुआ है।
इसमें नुकसान का आकलन कम जिला कृषि विभाग के द्वारा की गई है। जिससे मुआवजा मिलने की संभावना खतरे में पड़ गई। इस संबंध में मिली जानकारी में बताया गया कि जिले में फसल नुकसान का कम आकलन किया गया है। कृषि विभाग के द्वारा जिले के किसान सलाहकारों को यह जिम्मेवारी दी गई थी। परंतु ज्यादातर किसान सलाहकारों के प्रतिवेदन पर ध्यान नहीं देकर कृषि समन्वयक में मनमानी करते हुए रिपोर्ट बना दी है ।
जिसमें जिले भर में 2000 हेक्टेयर से कम के फसल के नुकसान की बात कही गई है। इस वजह से किसान के मुआवजे मिलने की संभावना खतरे में पड़ गई है। जिला कृषि पदाधिकारी शिवदत्त सिंहा की मानें तो कृषि समन्वयकों के द्वारा रिपोर्ट तैयार किया गया है। जिसमें 998 हेक्टेयर मसूर, 302 हेक्टेयर में अन्य दलहनी फसल, 205 हेक्टेयर में सरसों और 490 हेक्टेयर में प्याज और सब्जी के खेती के नुकसान का आकलन किया गया है। जो कुल मिलाकर 1995 हेक्टेयर आता है। उधर, इसको लेकर कई किसानों ने आपत्ति की है और बहुत कम क्षति के आकलन का रिपोर्ट भेजने की बात बताई है।
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