माता सरस्वती की प्रतिमा गढ़ने वालों के घरों में रोटी के लाले
माता सरस्वती की प्रतिमा गढ़ने वालों के घरों में रोटी के लाले
शेखपुरा
जिले में माता सरस्वती के पूजन के उत्सव की तैयारी हो रही है। इसी तैयारी को लेकर माता सरस्वती के प्रतिमा बनाने वालों के द्वारा भी तैयारी की गई है। कोविड-19 का असर भी ऐसे लोगों पर पड़ा है। पहले सभी प्रतिमाओं का ऑर्डर बुक कर लिया जाता था। कोविड-19 की लहर में फिर से प्रतिबंध लगने के बाद स्कूल और कोचिंग संस्थान बालों के द्वारा बुक किए गए ऑर्डर को भी कैंसिल किया जा रहा है। ऐसे में सरस्वती प्रतिमा बनाने वालों के सामने परेशानी उत्पन्न हो गई है।
नहीं हो रही है अच्छी से बच्चों की परवरिश
जिले के बरबीघा के नारायणपुर मोहल्ले में प्रतिमा बनाने वाले कारीगरों के कई परिवार रहते हैं। यहां प्रतिमा बनाने वालों के द्वारा बड़ी संख्या में सरस्वती की प्रतिमा बनाई जाती है। परंतु कारीगरों की स्थिति आज भी बदहाली की जैसी ही है। कारीगर रघुनंदन पंडित, सुरेंद्र आर्ट इत्यादि बताते हैं कि वे अपने बच्चों को अब इस पेशे में नहीं लगाना चाहेंगे । महंगाई की मार पड़ गई है। परंतु प्रतिमाओं के कीमत में उस तरह से बुद्धि नहीं हुई है। वर्तमान समय में चमक-दमक बड़ा है तो खर्चे भी अधिक बढ़ गए हैं। आमदनी उस हिसाब से बढ़ोतरी नहीं हुई है।
प्रतिमा बनाने वाली महिला कलाकार बताती हैं कि वह शादी करके यहां आई तो उसके द्वारा भी प्रतिमा बनाने में सहयोग किया जाता है। पूरा परिवार मिलकर प्रतिमा बनाते हैं । एक परिवार के द्वारा पांच 7 लोगों से मिलकर 40 से 50 प्रतिमा बनाया जाता है। इसमें डेढ़ हजार से लेकर ₹10,000 तक की प्रतिमा बनाई जाती है।
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