अन्तरराष्ट्रीय मगही चौपाल में उठी आवाज: मगही के दर्द हम केकरा सुनइअइ
अन्तरराष्ट्रीय मगही चौपाल में उठी आवाज: मगही के दर्द हम केकरा सुनइअइ
न्यूज डेस्क
विश्व मगही परिषद्, नई दिल्ली के बैनर तले अन्तरराष्ट्रीय मगही चौपाल के 51वाँ बेबीनाॅर ‘मगही कवि सम्मेलन व मगही साहित्यकार तर्पण’ का आयोजन डा0 भरत सिंह की अध्यक्षता में साढ़े छह बजे से नौ बजे तक हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ निशा कुमारी की सरस्वती वंदना से हुआ। कार्यक्रम के प्रथम सत्र में महाकवि योगेश्वर सिंह ‘योगेश ‘की पुण्य तिथि और मगध नटराज केशरीनंदन की जन्म तिथि के उपलक्ष्य में पुष्पांजलि अर्पित किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन वारिसलीगंज विधान सभा क्षेत्र की माननीया विधायिका अरूणा देवी ने किया ।
मुख्य अतिथि अरूणा देवी ने विश्व मगही परिषद की भूमिका की सराहना करते हुए मगही के स्वर्णिम अतीत की चर्चा की । जीवन में मगही भाषा के उपयोग के लिए आह्वान किया और विधान सभा में मगही केलिए आवाज बुलन्द करने का भी वचन दिया।
विश्व मगही परिषद् के अध्यक्ष डा0 भरत सिंह ने कहा कि महाकवि योगेश्वर सिंह ‘योगेश’ मगही महाकाव्य के ‘ गौतम के रचयिता तो हैं ही ।मगही साहित्य के सफल व्यंग्यकार भी हैं।अभीतक इनके साहित्य का सही मूल्यांकन नहीं हो सका। इन्होंने बताया कि मगध नटराज केशरीनंदन मगही के साहित्यिक- सांस्कृतिक चेतना के प्रगतिशील रचनाकार हैं।
अमेरिका से जुड़े प्रो0 रामनंदन ने महाकवि योगेश को आशुकवि और ‘मगही रामायण ‘ का रचयिता बताया तथा महाकवि योगेश रचित ‘मोंछ’ शीर्षक कविता का पाठ भी किया।
मगही के वरिष्ठ साहित्यकार रामरतन सिंह ‘रत्नाकर ‘ ने कहा कि कई भाषाओं के समर्थ विद्वान महाकवि योगेश मगही भाषा के प्रसार में आजीवन समर्पित रहे । नटराज केशरीनंदन स्वतंत्रता संग्राम में अपने गीत और नुक्कड़ नाटकों द्वारा जन जागरण का अद्भुत कार्य किया।
मगही के प्रसिद्ध गीतकार नरेन्द्र प्रसाद सिंह ने बताया कि केशरीनंदन जनकवि, जननायक, नाटककार और सफल अभिनेता भी थे।केशरीनंदन को ‘ मगध नटराज ‘ की संज्ञा मशहूर फिल्मी हस्ती राजकपूर का दिया हुआ है। केशरीनंदन लोक नाट्य कला की महान हस्ती का नाम है।
इस अवसर पर अरविन्द कुमार, श्रीनिवास सिंह, सुरेश शर्मा, नागेंद्र उपाध्याय और संगीता कुमारी ने भी संबोधित किया।
निशा कुमारी के साथ गोपाल पांडे और आशुतोष कुमार ने केशरीनंदन के व्यक्तित्व-कृतित्व पर आधृत गीति गायन से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। मगही के महान लोकगायक विनय कुमार विकल के महाकवि योगेश और मगध नटराज केशरीनंदन विषयक गीतों ने खूब समाँ बाँधा।
न्यूजीलैंड से जुड़े कवि प्रेम प्रणव कश्यप
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में मगही के नवोदित कवियों ने अपनी कविताओं से रस विभोर कर दिया। न्यूजीलैंड से जुड़े कवि प्रेम प्रणव कश्यप ने अपनी काव्य रचना द्वारा पाश्चात्य संस्कृति के प्रति लोगों के प्रेम पर करारा प्रहार किया। गया जिला की कवयित्री कृति सागर ने ‘मगही के दर्द हम केकरा
सुनइअइ ‘ शीर्षक काव्य पाठ कर सरकार की तरफ से मगही भाषा की हो रही उपेक्षा को व्यक्त किया। मणिकान्त मणि ने महाकवि योगेश और नटराज केशरीनंदन विषयक कविता सुना खूब तालियां बटोरे। कवि सम्मेलन में अभकुमार ,रजनीकांत ,कवि लोकेश ,दयानंद गुप्ता भी काव्य पाठ किये। कवि सम्मेलन का समापन जहानावाद के कवि चितरंजन चैनपुरा के काव्य पाठ से हुआ ।कवि चितरंजन चैनपुरा ने ‘सुजाता शीर्षक कविता के द्वारा नारी शक्ति की महिमा और मध्यम मार्ग के महत्त्व को रेखांकित किया।
धन्यवाद ज्ञापन करते हुए विश्व मगही परिषद के महासचिव प्रो0 नागेन्द्र नारायण ने कहा कि मगही के विकास के लिए विश्व मगही परिषद से जुड़कर मगही भाषा-साहित्य की समृद्धि का पथ प्रशस्त करने केलिएछ आह्वान करते कहा कि यह परिषद आप सबों की है ।प्रो0 नागेन्द्र दुबई ,अमेरिका ,न्यूजीलैंड से जुड़े मगही प्रेमी और कवि के प्रति विशेष आभार और धन्यवाद जताये।
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