बड़ा सवाल: देसी दारू बनाने का कच्चा माल शहर में बिकता रहा, उत्पाद विभाग को पहले से नहीं था पता ?
शेखपुरा
शेखपुरा नगर परिषद क्षेत्र में उत्पाद विभाग की टीम के द्वारा कई दुकानों में छापेमारी की गई और देसी दारू बनाने के काम में आने वाले छोवा को बरामद किया गया। दुकान को सील किया गया। इसको लेकर नगर में अब सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि मुख्यालय नगर में जब इस तरह के कारोबार चल रहे थे तो क्या उत्पाद विभाग को इसकी भनक नहीं थी? अथवा इस पर प्रश्नचिन्ह भी लग रहा है?
क्या है पूरा मामला
नगर परिषद क्षेत्र के विभिन्न मोहल्लों में देसी दारू बनाने के काम आने वाले छोवा के दुकानों पर उत्पाद विभाग की टीम के द्वारा छापेमारी की गई और वहां छोवा मिलने पर दुकान को सील कर दिया गया। उत्पाद विभाग के द्वारा बताया गया कि एक दुकान में 1000 से अधिक टीना छोवा का बरामद किया गया जिस पर दुकान को सील किया गया है। जबकि दूसरे दुकान में 200 से अधिक टीना छोवा का बरामद किया गया है जिस पर कार्रवाई की जा रही है।
लोग पूछ रहे हैं सवाल
उत्पाद विभाग के कार्यालय के कुछ ही दूरी पर इस तरह के छोवा बेचने का कारोबार हो रहा था । अब लोग शहर में इसकी भी चर्चा कर रहे हैं कि उत्पाद विभाग को क्या इसकी भनक नहीं थी अथवा इस पर कोई प्रश्न चिन्ह लगाया जा रहा है। बता दें कि देसी दारू बनाने वाले लोग इसी छोवा को ले जाकर देसी दारू बनाते हैं। शहर से इस छोवा को गांव में बेचा जाता है। देसी दारू बनाने को लेकर सरकार के द्वारा इसे प्रतिबंधित भी किया गया है परंतु यह बेरोकटोक शहर में बिकता रहा।
बरबीघा में है सबसे बड़ा अड्डा
बरबीघा में देसी दारू बनाने के छोवा का सबसे बड़ा अड्डा है। बताया जाता है कि तैलिक ठाकुरबारी और डगरपर छोवा कारोबारी के द्वारा देसी दारू बनाने के काम में आने वाले छोवा का निर्माण किया जाता है। उसके साथ ही कुछ अन्य लोग भी इस कारोबार में शामिल।
उत्तर प्रदेश से आता है रावा
सूत्र बताते हैं कि उत्तर प्रदेश से बरबीघा के कारोबारी रावा मंगाते हैं। और फिर उससे छोवा बनाने का काम किया जाता है। सूत्रों से मिली जानकारी में बताया जाता है कि उत्पाद विभाग के मैनेज के वजह से ही इस तरह का कारोबार किया जाता है।
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