देसी शराब के अड्डे से बर्तन पटक लौट जाती है पुलिस पर नहीं हो रहा जड़ पे हमला
देसी शराब के अड्डे से बर्तन पटक लौट जाती है पुलिस पर नहीं हो रहा जड़ पे हमला
शेखपुरा
बिहार में शराबबंदी के बाद गांव में देसी शराब बनाने और विदेशी शराब की बिक्री के कारोबार में काफी बढ़ोतरी हुई है । विदेशी शराब जहां तस्करी कर लाए जाते हैं वही देसी शराब गांव में भारी पैमाने पर बनाने का काम होता है। देसी शराब के बनाने के अवैध कारोबार में पुलिस की छापेमारी जब होती है तो कारोबारी भाग कर निकल जाते हैं और पुलिस चूल्हा तोड़ने और बर्तन पटकने का काम करती है।
गुरुवार को भी पटना से मिली निर्देश पर बरबीघा के नारायणपुर मोहल्ले में पुलिस ने भारी दल बल के साथ छापेमारी की परंतु शराब के कारोबारी भाग निकले। दो घरों में छापेमारी की गई वहां से देसी शराब बरामद हुआ और बर्तन गैस का चूल्हा इत्यादि को भी पुलिस ने बरामद किया। इसमें प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई। परंतु कारोबारी भाग निकले।
मीठा (छोबा) से बनाई जाती है देसी शराब
शेखपुरा जिले के शेखपुरा जिला मुख्यालय और बरबीघा मुख्यालय में मीठा (छोबा) के कारोबारी इस कारोबार के जड़ में है । मीठा छोबा के कारोबारी इसको देसी शराब कारोबारी के घर तक पहुंचाते हैं फिर वहां से पेमेंट लेकर आते हैं। इस कारोबार में मुख्य जड़ यही है। अगर मीठा और छोबा के कारोबार पर अंकुश लगा दिया जाए तो बहुत हद तक देसी शराब बनाने का काम रुक जाएगा। जिले में देसी शराब बनाने का काम छोबा से ही किया जाता है। और इस पर अंकुश लगाने पर इस पर बहुत हद तक अंकुश लग सकता है। बिहार सरकार ने इसे प्रतिबंधित कर दिया है परंतु बड़े पैमाने पर इस कारोबार व्यापारी कर रहे हैं।
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