बरबीघा विधानसभा : बिहार केसरी श्रीबाबू की जन्म भूमि का पॉलटिक्स
बरबीघा
बरबीघा विधानसभा की करें तो यहां भी डॉ श्री कृष्ण सिंह प्रतिनिधि रहे। बाद के दिनों में लाला बाबू कांग्रेस के प्रतिनिधित्व किया। इस क्षेत्र में लगातार कांग्रेस का दबदबा रहा। 1967 में शिव शंकर सिंह विधायक रहे। जबकि 1972 में राजो सिंह पहली बार यहीं से विधायक बने। 1980 से 95 तक वर्तमान मंत्री अशोक चौधरी के पिता स्व महावीर चौधरी का कब्जा रहा। इसी तरह बरबीघा विधानसभा में कुल 189938 मतदाता हैं। जिसमें 100132 पुरुष मतदाता और 88611 महिला मतदाता हैं।
2000 में अशोक चौधरी यहां से पहली बार विधायक बने। 2005 में जदयू के डॉ आर आर कनौजिया ने महावीर चौधरी को पराजित कर विजय हासिल की। 2010 में गजानंद शाही ने अशोक चौधरी को पराजित कर विजय हासिल की। फिर 2015 में जदयू ने गठबंधन की राजनीति में सीटिंंग विधायक का टिकट काट राष्ट्रीय जनता दल और जदयू गठबंधन से राजो बाबू के पौत्र सुदर्शन कुमार काे प्रत्याशी बनाया गया और उनके द्वारा एनडीए प्रत्याशी शिव कुमार को पराजित किया गया। बरबीघा को कांग्रेस का गढ़ माना जाता था। परंतु जनप्रतिनिधि के सक्रियता और जन सरोकार से जुड़ने के अभाव में अब कांग्रेसी विधायक भी जदयू से आने की जुगाड़ में है।
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