भाजपा नेत्री और कृषि पदाधिकारी में तकरार से खुली यूरिया कलाबाजरी की पोल पट्टी, सुनिए
भाजपा नेत्री और कृषि पदाधिकारी में तकरार से खुली यूरिया कलाबाजरी की पोल पट्टी, सुनिए
शेखपुरा
जिले में यूरिया नहीं मिलने से किसानों में हाहाकार है। यूरिया की कमी की वजह से धान के खेतों में यूरिया नहीं दिया जा रहा ।इससे धान की फसल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की उम्मीद है। किसान यूरिया लेने के लिए दुकान दुकान घूम रहे हैं परंतु कोई दुकानदार यूरिया नहीं दे रहा ।
किसानों की माने तो प्रशासन के द्वारा उचित कीमत पर यूरिया बेचने का जवाब दुकानदारों ने दिया और दुकानदारों ने प्रशासन को झुकाने के लिए नई रणनीति के तहत यूरिया मंगाना बंद कर दिया। यूरिया का उठाव नहीं होने से यूरिया की किल्लत बाजार में हो गई। हालांकि कुछ बड़े डीलर और कारोबारी के गोदामों में यूरिया होने की भी सूचना है परंतु वहां तक प्रशासन की छापेमारी नहीं होती। छोटे दुकानदारों पर एफ आई आर किया गया है।
दुकानदार का अपना तर्क है । उनका कहना है कि वे 265 में यूरिया तभी बेचा जा सकता है जब कंपनी के द्वारा दुकान तक पहुंचा कर दिया जाए। फतुहा रैक से लाने में ₹30 प्रति बोरा खर्च होता है।
उधर, भाजपा के भाजपा नेत्री रेशमा भारती और जिला कृषि पदाधिकारी शिवदत्त प्रसाद के बीच हुई तकरार में यूरिया की किल्लत और कालाबाजारी का सारा पोल पट्टी खुल रहा है।
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