बेदर्द मां ने बच्ची को रेलवे पटरी पर मरने के लिए फेंक दिया पर ऐसे उसकी जान बच गई
बेदर्द मां ने बच्ची को रेलवे पटरी पर मरने के लिए फेंक दिया पर ऐसे उसकी जान बच गई
शेखपुरा
यह बच्ची परीत्यक्त अवस्था में शेखपुरा के रेलवे प्लेटफार्म पर पाई गई है। बच्ची मात्र 1 दिन की है और इसके जैविक माता-पिता ने इसे परित्याग कर शेखपुरा रेलवे प्लेटफार्म पर छोड़ दिया था । बच्ची के लावारिस अवस्था में पाए जाते देख स्थानीय दो बंजारा महिलाओं ने बच्ची को उठा लिया और बच्ची को लेकर अपने साथ ले जा रही थी ,इसी बीच स्थानीय लोगों ने जीआरपी थाना को इसकी सूचना दे दी और मौके पर पुलिस पहुंच गई।
तत्पश्चात जिला बाल संरक्षण इकाई को इसकी सूचना दी गई। सूचना पाकर जिला बाल संरक्षण इकाई के सामाजिक कार्यकर्ता श्री निवास अपने कर्मी आउटरीच वर्कर नितेश झा एवं परामर्शी नीलू कुमारी को लेकर रेलवे स्टेशन पहुंचे और बच्ची को सुरक्षित अपने संरक्षण में लेकर उसे तत्काल इलाज हेतु एसएनसीयू सदर अस्पताल में भर्ती कराया।
बच्ची के स्वस्थ होते ही उसे बाल कल्याण समिति में उपस्थित करा कर देखरेख के लिए विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान नवादा भेजा जाएगा। बताते चलें कि सामाजिक प्रताड़ना या फिर कई बच्चियों को जन्म देने की वजह से उसके माता पिता ने बच्ची का परित्याग कर दिया है ,जिसे जिला बाल संरक्षण इकाई ने सहारा दिया है।बच्ची को बंजारा महिला से वापस लेने में जी आर पी और बाल संरक्षण इकाई को काफी मशक्कत करनी पड़ी।
महिला बच्ची को वापस देना नही चाह रही थी और काफी भीड़ इकट्ठा कर ली थी लेकिन जी आर पी और बाल संरक्षण इकाई के सामाजिक कार्यकर्ता श्रीनिवास की सूझ बूझ से बच्ची को सकुशल अपने संरक्षण में लेकर इलाज हेतु एस एन सी यू वार्ड सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है।इस संबंध में श्रीनिवास ने बताया कि बच्ची के जैविक माता-पिता की तलाश दो माह तक की जायेगी ।अखबार में फोटो भी प्रकाशित कराकर सूचना दी जायेगी ताकि असली माता वापस बच्ची को ले ले क्योंकि पहला हक तो जन्म देने वाले का ही होता है । कोई मां अपने बच्चे को छोड़ना नही चाहती है परंतु कुछ ऐसी परिस्थितियां बन जाती है जिसमे बच्चे का परित्याग करना उसकी मजबूरी हो जाती है। हालांकि यह गलत है।
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