जब गांव में मुखिया चुनाव के दिन ताबड़तोड़ चलने लगी थी गोली, दोनों खेमों तनातनी
जब गांव में मुखिया चुनाव के दिन
ताबड़तोड़ चलने लगी थी गोली, दोनों खेमों तनातनी
ताबड़तोड़ चलने लगी थी गोली, दोनों खेमों तनातनी
बरबीघा
तेउस पंचायत में चुनाव को लेकर भारी तनाव की स्थिति देखी जा रही है। एक खेमे में पूर्व मुखिया एवं विधान सभा में प्रत्याशी रहे त्रिशूलधारी सिंह का खेमा है तो दूसरे खेमे में विपक्ष के कई लोग जुड़े हुए हैं। त्रिशूल धारी सिंह खेमे से निवर्तमान मुखिया सविता देवी सहित विभिन्न पदों पर कई प्रत्याशी उम्मीदवार हैं। जिसमें निवेदक के रूप में त्रिशूल धारी सिंह को दर्शाया गया है। जबकि दूसरे खेमे से जदयू विधायक सुदर्शन कुमार के खेमे से जदयू नेता शंकु सिंह एवं विधानसभा के जन जन पार्टी के प्रत्याशी रहे गोपाल कुमार, मुखिया प्रत्याशी शिंकू देवी के पति इत्यादि लोग गोलबंद हैं। शंकु सिंह ने पंचायत के कई गांव में मुखिया प्रत्याशी शिंकु देवी के समर्थन में वोट भी मांगा।
गिरफ्तार आरोपी को जेल
मुखिया प्रत्याशी के समर्थक युवक को पैसा बांटने के आरोप में गांव वालों ने पकड़कर पिटाई की और हथियार के साथ पकड़ कर उसे पुलिस के हवाले कर दिया। इस मामले में पूरे पंचायत में तनाव की स्थिति बनी हुई है । तनाव रहने की वजह से आम मतदाताओं में इसकी खूब चर्चा हो रही है। वहीं इस मामले में गिरफ्तार आरोपी को पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर जेल भेज दिया। इसकी जानकारी अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी कल्याण आनंद ने दी। बताया कि युवक के पास से एक पिस्टल और पांच जिंदा कारतूस बरामद किया गया। बता दें कि तेउस गांव में पैसा बांटने के आरोप में नरसिंहपुरर निवासी टेनी सिंह को गिरफ्तार किया गया।
जिला प्रशासन से लगाई है गुहार
उधर, इस संबंध में मिली सूचना में यह भी बताया गया कि चुनाव ल
ड़ रहे प्रत्याशी विनोद कुमार के द्वारा जिलाधिकारी सहित अन्य अधिकारियों को आवेदन देकर पंचायत चुनाव में तनाव और बाहर से आदमी मंगाए जाने को लेकर आशंका व्यक्त की गई है। आवेदन देकर इससे निबटने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की मांग की गई है। प्रतिद्वंदी खेमे पर इस तरह के आदमी बुलाने का आरोप लगाया गया है।
ताबड़तोड़ गोलीबारी
उधर इसे राजनीतिक साजिश मानते हुए प्रतिद्वंदी खेमे से गोपाल कुमार ने बताया गया एसपी को उन्होंने लिखित सूचना दी है। दबंग लोगों से भय है। दबंग खेमे के लोगों के द्वारा ही कई बाहरी लोगों को बुलाया गया है। दो दशक पहले भी पंचायत चुनाव में बाढ़ से आदमी बुलाकर यहां ताबड़तोड़ गोलीबारी की गई थी और वोटरों को घर से निकलने नहीं दिया गया था। इस बार भी इसी तरह के रणनीति पर काम किया जा रहा है। हथियार के बल पर वोटरों का डराने का काम किया जा रहा है।
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