इंसाफ का मंदिर : 1000 साल पुराने शिव मंदिर में पंचायत : झूठ बोलने वालों पर सजा
इंसाफ का मंदिर : 1000 साल पुराने शिव मंदिर में पंचायत : झूठ बोलने वालों पर सजा
बरबीघा (शेखपुरा)
बिहार के शेखपुरा जिले के बरबीघा में भगवान शिव के मंदिर में पंचायत लगती है। भगवान शिव के मंदिर में जब पंचायत लगती है तो लोग वहां झूठ नहीं बोलते। यदि पंचायत में लोग झूठ बोलते हैं तो भगवान शिव के प्रकोप का उसे सामना करना पड़ता है । मान्यता है कि भगवान शिव उसे दंड अवश्य देते हैं । तत्काल दंड मिलता है। इसी की वजह से लोग मंदिर में पंचायत जब लगता है तो झूठ नहीं बोलते और वहां इंसाफ होता है । भगवान शिव के इस दरबार को इंसाफ का मंदिर भी कहा जाता है।
इंसाफ के मंदिर में होता है पंचायत
बरबीघा नगर परिषद क्षेत्र का है यह गांव। नगर परिषद क्षेत्र के गंगटी गांव में 1000 साल पुराना शिव का मंदिर है । इस शिव के मंदिर में पाल कालीन मूर्तियां स्थापित है। 1364 ईस्वी में शिव मंदिर का पहला जीर्णोद्धार करने का साक्ष्य मिला है । इस हिसाब से इस पाल कालीन मंदिर में मान्यता लोगों में बहुत है। ऐसी मान्यता में यहां पंचायत करने की परंपरा है। पूर्व वार्ड पार्षद उदय कुमार कहते है कि जब आपस का विवाद गांव में नहीं सुलझता तो मंदिर में पंचायत बैठाई जाती है। मंदिर में पंचायत होता है तो कोई गांव के लोग झूठ नहीं बोलते। मान्यता है कि झूठ बोलने वालों को कुछ ना कुछ दंड अवश्य भगवान् देते हैं। कई लोगों को भगवान का दंड का सामना करना पड़ा है। इस वजह से इस मंदिर में जब पंचायत बैठता है तो लोग झूठ नहीं बोलते और दूध का दूध पानी का पानी हो जाता है।
मंदिर में है पाल कालीन मूर्ति
इस मंदिर में पाल कालीन कई प्रतिमा है। जिसमें भगवान विष्णु , लक्ष्मी इत्यादि की प्रतिमाएं हैं । मंदिर की एक खासियत यहां तोते का बसेरा भी है। मंदिर के गुंबद पर काफी संख्या में तोते का बसेरा है और गांव के लोग इसे काफी शुभ मानते हैं। मंदिर के आगे भगवान् नंदी का एक बड़ा सा प्रतिमा भी स्थापित है।
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