इस सूर्य मंदिर तालाब के नामकरण के बाद गायब हो गई महिला। सफाई में जुटे युवा
बरबीघा
बरबीघा प्रखंड के तेतरपुर गांव में स्थित मालती पोखर के नाम से जाने जाने वाले छठ घाट की सफाई में श्रद्धालु जुट गए हैं । तेतारपुर मंदिर कमेटी के सदस्यों द्वारा यह सफाई अभियान चलाया जा रहा है । इस सफाई अभियान में तालाब में गंदे पानी को साफ किया गया तथा तालाब के चारों तरफ बने घाटों को साफ किया जा रहा है । इस संबंध में मंदिर कमेटी के सदस्य रवि कुमार ,ललन कुमार तथा अन्य ने बताया कि इस मालती पोखर के नाम से जाने जाने वाले तालाब में छठ वर्त करने के लिए बरबीघा बाजार तथा आसपास कई गांव से लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं जिसके लिए हम लोगों ने सफाई अभियान चलाया है ।
उन्होंने बताया कि तालाब के चारों तरफ छठव्रती माताओं बहनों तथा भाइयों के लिए अलग से पंडालों की व्यवस्था की जाएगी तथा साफ-सफाई का ख्याल रखा जाएगा। घाट पर आने जाने वाले लोगों की गाड़ियों के लिए अलग से ब्रैकेटिंग किया जाएगा।
गायब हो गयी महिला
मंदिर के पुजारी 80 वर्षीय तनिक सिंह ने बताया कि इस तालाब की खुदाई कब हुई है गांव के किसी बुजुर्ग अथवा किसी भी व्यक्ति को पता नहीं है उन्होंने कहा कि बचपन में हम लोगों को अपने बुजुर्गों के द्वारा बताया जाता था कि मालती नाम की एक महिला डोली कहार पर इसी रास्ते से जा रही थी और वह महिला विलुप्त हो गई विलुप्त होने से पहले महिला ने अपने कहारों को इस तालाब का नाम मालती रखने को कहा था जिसके कारण इस तालाब का नाम मालती पोखर पड़ा है ।
उन्होंने बताया कि तालाब के बगल में बना सूर्य मंदिर सैकड़ों साल पुराना है गांव के पचासी वर्षीय बुजुर्ग बच्चु सिंह ने बताया कि मंदिर की स्थापना कब हुई है यह बात किसी के जानकारी में नहीं है परंतु मरम्मत का काम हम लोग बचपन से ही करते आए हैं। उन्होंने कहा कि तालाब में मछली पालन कर हम लोग पैसे की आमदनी करते हैं और उस आमदनी से जमा हुए पैसे को घाट तथा मंदिर के मरम्मत पर खर्च किया जाता है।
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