पुआल जलाने वाले किसानों पर हो रही कठोर कार्रवाई, फिर गिरी गाज
पुआल जलाने वाले किसानों पर हो रही कठोर कार्रवाई, फिर गिरी गाज
शेखपुरा
धान की कटाई हार्वेस्टर मशीन से करने के बाद उसके अवशेष को खेत में जलाने को लेकर प्रशासन के द्वारा सख्ती की जा रही है।। पुआल को खेत में जलाने पर किसानों का निबंधन रद्द कर दिया जा रहा है और उसके बाद किसानों को मिलने वाला कोई सरकारी लाभ वैसे लोगों को नहीं मिलेगा।
बता दें कि खेत में पुआल जलाने से पर्यावरण के प्रदूषण का मामला तो रहता ही है ।खेत में उर्वरा शक्ति की कमी।
जिला पदाधिकारी इनायत खान ने अनुरोध है किया है कि वे अपने-अपने खेतों की पराली को नहीं जलावें। खेतों की पराली जलाने से वायु प्रदूषण होती है। उन सभी किसानों का पंजीकरण को रद्द कर दिया जायेगा तथा शेखपुरा जिला प्रशासन के द्वारा कार्रवाई किया जायेगा। उन किसानों को सरकार की योजनाओं का लाभ से वंचित किया जायेगा। शेखपुरा जिलान्तर्गत कुछ किसानों के द्वारा पराली जलाई गई है जिनके खिलाफ कृषि विभाग के द्वारा उनका किसान पंजीकरण रद्द करने एवं अगले 03 वर्ष तक सरकारी योजनाओें का लाभ से वंचित रखने हेतु कार्रवाई की जा रही है।
पकड़े गए किसान, निबंध रद्द
अपने खेतों में पराली जलाने वाले निम्नलिखित किसानों सूची:-भूषण सिंह पिता-स्व॰निवास सिंह, मनीष कुमार पिता-नागेन्द्र सिंह, वीणा देवी पति सुजीत कुमार, अवधेश महतो पिता-चरितर महतो ये सभी किसान ग्राम-चितौरा प्रखंड शेखपुरा है।
वृजनंदन प्र॰ यादव पिता- जगदीश यादब ग्राम-करकी, पंचायत हजरतपुर मड़रो के निवासी है। कुंदन कुमार पिता-ज्ञानचंद महतो ग्राम-वरूणा, पंचायत वरूणा प्रखंड अरियरी के निवासी है। ये सभी किसानों का पंजीकरण निकालकर तीन वर्षों के लिए कृर्षि योजनाओं के लाभ से वंचित करने हेतु कृषि निर्देशक, बिहार, पटना को भेजा जा रहा है।
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