स्टाम्प मुखिया ने बोल दिया सच, अब इस वजह से पुलिस ने पकड़ा
स्टाम्प मुखिया ने बोल दिया सच, अब इस वजह से पुलिस ने पकड़ा
शेखपुरा
पंचायती राज व्यवस्था और गांधीजी के ग्राम सुराज के सपनों को पूरा करने में आज भी गांव के दबंग बाधक होते हैं। यदि ऐसा नहीं होता तो आज भी कई मुखिया प्रतिनिधि केवल स्टांप बनकर काम नहीं कर रहे होते और उनकी बदहाली भी नहीं रहती है। ऐसे ही एक गरीब मुखिया के गरीब रहने का मामला सामने आया और फिर उसी मुखिया को पुलिस ने भी गिरफ्तार कर लिया।
3000 महीने पर मुखिया गिरी
दरअसल यह पूरा मामला घाट कुसुंभा प्रखंड के माफो पंचायत से भी जुड़ा हुआ है। यहां पूर्व मुखिया योगी मांझी से जुड़ा हुआ है। पूर्व मुखिया योगी मांझी ने बताया कि वह मुखिया का काम गांव के ही दबंग के कहने पर करता था। उसे प्रत्येक महीना ₹3000 मिल जाता था और जहां कहा जाता था वहां वहां हस्ताक्षर कर देता था।
मुखिया योगी मांझी काफी गरीबी हालत में अपना जीवन बसर कर रहे है। इतने साल मुखिया रहने के बाद कई लोग जहां बड़े-बड़े मकान बनाते हैं वही स्कॉर्पियो सहित कई वाहन भी खरीद लेते हैं परंतु योगी मांझी बदहाल का बदहाल ही रहा।
शराब के नशे में पकड़ा गया
पूर्व मुखिया को पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर शराब के नशे में पकड़ लिया। उसके साथ उसके एक नालंदा जिले के रिश्तेदार को भी पकड़ा गया। थानाध्यक्ष विनोद झा ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर योगी मांझी और उसके एक रिश्तेदार भीम राम नालंदा जिले के सरमेरा थाना के इसवा गांव निवासी को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया। दोनों को गिरफ्तार करने के बाद जेल भेज दिया गया। दोनों ने काफी शराब पी रखी थी।
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