विश्व एड्स दिवस पर विशेष: प्रदेश जाते हैं कमाने और एड्स की सौगात लेकर लौटते हैं बिहारी मजदूर
न्यूज़डेस्क
बिहार से मजदूरों का पलायन आम बात है। मजदूर पलायन कर दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, गुजरात सहित अन्य महानगरों में काम की तलाश में जाते हैं और वहां रोजी रोजगार कर घर में दो पैसा भेजते हैं जिससे घर में लोगों का पेट चलता है परंतु वहां से मजदूर जब बिहार लौटते हैं तो अपने साथ एड्स जैसी खतरनाक बीमारी को ही लेकर लौटते हैं और अपने परिवार वालों में एड्स का खतरनाक बीमारी भी फैलाते हैं।
ऐसा बिहार के कई जिलों में देखने को मिला है। शेखपुरा जिला में भी इस तरह का मामला लगातार सामने आया है। शेखपुरा जिला में जनवरी महीने से लेकर इस साल 8 नए एड्स के मरीज मिले हैं जिसमें सभी प्रवासी मजदूर थे। प्रवासी मजदूर यहां लौट कर अपने परिवार को भी एड्स से पीड़ित कर दे रहे हैं और उनकी पत्नियों को भी जांच में पाया गया है। जिला में 2005 से जांच का काम किया जा रहा है अब तक 350 एड्स के मरीज यहां मिले हैं। एड्स के मरीजों की जांच की व्यवस्था हालांकि सदर अस्पताल में की गई थी परंतु कोविड-19 की वजह से अभी एक जांच प्रभावित है। पिछले 6 महीने से जांच नहीं हो रहा है। हालांकि पिछले महीने जांच करने को लेकर सभी प्रखंडों में विशेष रुप से कैंप लगाया गया और वहां जांच किया गया परंतु कोई भी एड्स के मरीज नहीं मिले। इस वजह से साइड जांच किया गया था जिसमें महिला और पुरुष दोनों शामिल थे वहीं सदर अस्पताल में जांच अभियान के दौरान आठ एड्स के मरीज मिले
असुरक्षित यौन संबंध सबसे बड़ा कारण
एड्स के फैलने का सबसे बड़ा कारण असुरक्षित यौन संबंध को माना गया है। असुरक्षित यौन संबंध के वजह से ही एड्स नामक खतरनाक बीमारी फैलता है और यह लाइलाज है । एक बार इस बीमारी को हो जाने के बाद इसका कोई इलाज नहीं है और धीरे-धीरे मरीज की मौत हो जाती है। वैसे इस में जानकारी ही बचाव का मंत्र दिया गया है । असुरक्षित यौन संबंध की वजह से बिहारी मजदूर इस बीमारी की चपेट में आते हैं ।
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