जमीन पर बैठकर आवेदन लिखते बुजुर्ग से जब DM ने पूछा कि क्या तकलीफ है तो..
जमीन पर बैठकर आवेदन लिखते बुजुर्ग से जब DM ने पूछा कि क्या तकलीफ है तो..
शेखपुरा
शेखपुरा डीएम शुक्रवार को जनता दरबार स्थगित कर जिले के अंतिम शुक्रवार को तीन शुक्रवार के दौरान आये समस्याओं की समीक्षा की घोषणा की थी और कार्यालय में उसकी समीक्षा की गई । समीक्षा के दौरान पाया गया कि कई मामलों में जन समस्याओं का समाधान किया गया। कई में अभी काम हो रहा है । इस समीक्षा से निकलने के बाद अचानक जिलाधिकारी सावन कुमार समाहरणालय परिसर के लोक शिकायत निवारण कार्यालय पहुंच गए ।
बुजुर्ग से बोले डीएम आम आदमी ही सबसे अच्छा लड़ता है
जिलाधिकारी जब लोक शिकायत निवारण कार्यालय पहुंचे तो वहां जमीन पर बैठकर एक बुजुर्ग के द्वारा आवेदन लिखा जा रहा था। जिलाधिकारी भी उसके साथ बैठ गए। पूछा कि आपसे को क्या समस्या है। जिलाधिकारी के इतना पूछते ही बुजुर्ग ने अपना दर्द बयान किया। कहा कि वे अपनी बेटी के इंसाफ के लिए लड़ रहे हैं। उनकी विधवा बेटी को इंसाफ नहीं मिल रहा है। बुजुर्ग नवादा जिले के काशीचक थाना क्षेत्र के दौलचक निवासी थे। उन्होंने बताया कि उनका नाम रामानंद सिंह है । इनकी बेटी नीतू की शादी मेहुस थाना के माफो गांव में शेखर शर्मा से हुई थी। 20 जून 2020 को उनके दामाद का निधन हो गया। वे पटना के एक निजी कंपनी में काम करते थे। उसके बाद उनकी बेटी को ससुराल में उसका हक नहीं मिल रहा। जमीन बंटवारा भी नहीं किया जा रहा। बेटी को एक पुत्र और दो पुत्रियां हैं। उसकी देखभाल करने में परेशानी हो रही है। इसके लिए थाना में आवेदन दिया तो प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई। अनुमंडल पदाधिकारी को आवेदन दिया तो खानापूर्ति कर दी गई । जिलाधिकारी को बुजुर्ग ने कहा कि आम आदमी कहां तक लड़ाई लड़ेगा। जिलाधिकारी ने उसकी बात सुनी और फिर समझाया कि आम आदमी ही सबसे अधिक लड़ता है। आप थाना में आवेदन दीजिए। निश्चित रूप से प्राथमिकी होगी और इंसाफ मिलेगा। उन्होंने अधिकारियों को भी इसमें मदद के लिए कहा।
पति की मौत के बाद नहीं मिला मुआवजा
मौके पर ही एक महिला अपने पति के कोविड-19 से मौत पर मुआवजा नहीं मिलने की शिकायत की। महिला शेखोपुर सराय के नीमी गांव निवासी छविनाथ पासवान की विधवा पत्नी रेणु देवी थी । उसकी गोद में एक कम उम्र का बच्चा भी था और एक बड़ी बेटी भी साथ में थी । बताया कि पिछले साल कोविड-19 से पति की मौत बिहारशरीफ के प्राइवेट क्लीनिक में हो गयी। कई जगह आवेदन दिया गया पर सुनवाई नहीं हो रही। बगल में ही अनुमंडल पदाधिकारी ने जिलाधिकारी को जानकारी दी कि कोविड-19 जांच रिपोर्ट सरकारी नहीं होने से परेशानी हो रही है। मौके पर ही बरबीघा के खोजगाछी निवासी दीपक कुमार ने बताया कि उसकी पत्नी मुन्नी देवी ऑपरेटर का काम 2 साल से कर रही है। प्रत्येक दिन नल जल योजना से बोरिंग चलाती है। ₹3000 महीना देने के लिए कहा गया था परंतु ₹1 अभी तक नहीं मिला है। श्रम अधीक्षक से शिकायत की है परंतु कोई सुनवाई नहीं हो रही है तो वह लोक शिकायत निवारण में पहुंचे हैं।
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