• Friday, 01 November 2024
मगही कवि सम्मेलन में चले तीखे व्यंग बाण, पुलिस दारु बेचाबो हो...

मगही कवि सम्मेलन में चले तीखे व्यंग बाण, पुलिस दारु बेचाबो हो...

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शेखपुरा 

 

मगही कवियों ने सामाजिक, राजनीतिक और साथ ही साथ सांस्कृतिक बुराई पर भी प्रहार किया। इस अवसर पर दहेज प्रथा पर कई मगही कवि के द्वारा चोट किया गया और जबरदस्त व्यंग बाण चलाए गए तो बिहार में शराबबंदी के माहौल पर भी चोट किया गया और कवियों के द्वारा शराबबंदी की बदहाली को रेखांकित किया गया। इसी के साथ-साथ फागुन के महीना में होली गीत का गायन भी किया गया। बुधवार को शेखपुरा जिले के सदर प्रखंड अंतर्गत मेहूस गांव के मां महेश्वरी मंदिर में मगहिया चांचर और मगही कवि सम्मेलन समारोह का ।

इसका आयोजन संस्कार भारती के द्वारा किया गया। इसमें परंपरागत सोहराय (चांचर) गायन को लेकर ग्रामीण महिलाओं के द्वारा प्रस्तुति दी। वहीं मगही कवियों ने अपनी-अपनी प्रस्तुति से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया गया। दोपहर में शुरू हुआ यह कार्यक्रम देर शाम तक चलता रहा।

नगर के कार्यपालक पदाधिकारी ने भी कविता पाठ किया

 

नवादा के प्रख्यात कवि, बिहार एप्टा के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र प्रसाद सिंह  ने अपनी कविता पाठ से बिहार की लोक संस्कृति और बिहार की सभ्यता का उल्लेख कर सभी को प्रभावित किया। उनके द्वारा हमारा काहे कोई लजाईतै बिहरिया कहके न  का गायन किया गया।

 

शेखपुरा नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी डॉ जनार्दन प्रसाद ने अपनी कविता कोई कहे एन्ने चलो, कोई कहे ओन्ने चलो का पाठ किया। 

 

जबकि प्रख्यात कवि प्रवीण बटोही के द्वारा जब तक हो कुमार तो भैया-भैया कहतो, जब हो जाएतो शादी तो गोतिया बन जाइतो, की प्रस्तुति दी गई। 

 

 

राम विवाह गीत का गायन 100 वर्षीय वृद्ध महिला गायत्री देवी के द्वारा अपनी गायकी से  सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस आयोजन में राम विवाह गायन की शानदार प्रस्तुति गांव की कई महिलाओं के द्वारा किया गया। सामूहिक गांव की महिलाओं के द्वारा किए गए सोहराय गायन से सभी लोग मंत्रमुग्ध रह गए।

 

 

 

प्रख्यात कवियों ने अपनी प्रस्तुति दी जिसमें शिक्षक, कवि, पत्रकार गणनायक मिश्र के द्वारा अपनी मधुर आवाज में ग़ज़ल 

 

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ख्वाब आंखों में अब नहीं आते

अब तो आंसू भी कम निकलते हैं

मोम से दिल को कह गए संगदिल

वो जो सदियों से दिल में बसते हैं।

का गायन किया।

 

महिला कवित्री सह शिक्षिका ममता कुमारी के द्वारा होली गीत के गायन कर के माहौल में फागुन का सौंदर्य भर दिया। ममता कुमारी के भाई कवि के द्वारा भी बेहतरीन प्रस्तुति दी गई।

 

पत्रकार सह कवि अरुण साथी के द्वारा शराब बंदी पर अपनी कविता के माध्यम से चोट किया गया। उनके द्वारा सुशासन बाबू कहावो हो, नकली दारू बंदी करावो हो, पुलिस दारु बचाव हो। बोल्हो ई कोय बात हो, की प्रस्तुति दी गई।

 

 

जबकि गजल गायक अवनीश कुमार ने अपने शानदार गजल से सभी को प्रभावित किया। इस अवसर पर नवादा के पत्रकार सह कवि राजेश मांझवेकर ने अपनी शानदार प्रस्तुति दी। जबकि लखेरा लाल कुशवाहा, धनंजय उपाध्याय, आचार्य गोपाल, अभय कुमार, रितेश कुमार, बृजेश कुमार सुमन, उपेंद्र प्रेमी, अरुण साथी इत्यादि ने अपनी अपनी प्रस्तुति से सभी को प्रभावित किया।

 

समारोह संस्था के कार्यकारी अध्यक्ष एवं नालंदा जिले के सारे थाना क्षेत्र अंतर्गत रामबिगहा निवासी आनंद प्रकाश नारायण रोशन, उपाध्यक्ष एवं मगध विश्वविद्यालय बोधगया के हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ भरत सिंह भी मौजूद रहे। समारोह की अध्यक्षता सेवानिवृत्त शिक्षक राजेंद्र प्रसाद सिंह ने की। मंच संचालन गणनायक मिश्र ने किया।

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