जातीय जनगणना में बिहार सरकार को राजद नेता देंगे 10 लाख रुपये की मदद, जानिए क्यों
जातीय जनगणना में बिहार सरकार को राजद नेता देंगे 10 लाख रुपये की मदद, जानिए क्यों
शेखपुरा
शेखपुरा में राजद के नेता शम्भू यादव जातीय जनगणना को लेकर बड़े दावे कर दिए हैं। शंभू यादव के इस दावे की चर्चा हो रही है। शंभू यादव ने जातीय जनगणना को लेकर बिहार सरकार को ₹10 लाख देने के दावे किए हैं। यह दावा उनके द्वारा जातीय जनगणना में 500 करोड़ रुपए खर्च होने को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सोशल मीडिया पर ट्रोल किए जाने के बाद किया है। जातीय जनगणना के साथ-साथ आर्थिक जनगणना भी किए जाने को लेकर उन्होंने यह दावा किया है।
शंभू यादव ने कहा है कि जातीय जनगणना के साथ-साथ आर्थिक जनगणना भी हो रही है इसलिए उन्होंने 10 लाख रुपए देने का दावा किया है। ₹500 करोड़ खर्च हो रहे हैं। कई लोग कह रहे हैं कि पैसे कहां से आएंगे। तो मेरे जैसे बहुत लोग हैं जो पैसे देने के लिए तैयार हो जाएंगे। परंतु यह जनगणना होनी चाहिए। जाति के साथ-साथ आर्थिक जनगणना भी हो रही है जो सराहनीय है।
राजद नेता ने कहा कि बिहार में इससे बदलाव होगा। साथ ही उन्होंने मांग की कि आर्थिक जनगणना होने पर जिन जातियों को आरक्षण का लाभ मिल रहा है और वे संपन्न हो गए हैं उनके जगह जो दबे रह गए हैं उनको लाभ देने पर भी नीति बननी चाहिए। जिनकी आर्थिक संपन्नता सामने आए उनके लिए कानून बनना चाहिए और गरीबों को उनका हक मिलना चाहिए। बहुत सारे लोग संपन्न होकर भी गरीबों का हक मार रहे हैं।
बता दें कि शम्भू यादव की पत्नी कुमकुम भारती अभी शेखपुरा नगर परिषद के निवर्तमान सभापति हैं। शंभू यादव की राजनीति में हस्तक्षेप रहता है। वही इस दावे की चर्चा जमकर हो रही है। शंभू यादव के पिता काशीनाथ यादव उर्फ काशी पहलवान राष्ट्रीय जनता दल के जिला अध्यक्ष थे और टाटी नरसंहार के दौरान उनकी हत्या की गई थी। हाल ही में पूर्व सांसद राजो सिंह हत्याकांड में शंभू यादव को कोर्ट ने बरी किया है।
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