छठ पर्व पर गौरैया संरक्षण का लिया संकल्प, बड़ी संख्या में आगे आ रहे लोग
बिहार न्यूज़ डेस्क
देशभर में गौरैया पंछी की घटती संख्या को लेकर सामाजिक कार्यकर्ताओं और पर्यावरण विदों के द्वारा अनोखी पहल की जा रही है और गौरैया संरक्षण को लेकर काम किया जा रहा है। ऐसी ही पहल गौरैया संरक्षण को लेकर नालंदा जिले से शुरू की गई है गौरैया संरक्षण अभियान के तहत शनिवार को यह अभियान नालंदा जिले के विभिन्न गांव में शुरू किया गया। इसकी शुरुआत संरक्षक राजीव रंजन पांडे के द्वारा किया गया है। गौरैया संरक्षण अभियान के तहत गांव-गांव गौरैया को बचाने का संकल्प लेते हुए घरों में गौरैया के लिए घोंसला रखने और जागरूकता का अभियान चलाया गया। गांव वालों को गौरैया के लिए घोसला भी उपलब्ध कराया जा रहा है। यह अभियान नालंदा जिले के तेतरामा गांव में प्रमुखता से चलाया गया। साथ ही साथ हरनौत में गौरैया संरक्षण को लेकर जागरूकता अभियान भी चलाया गया।
इसकी जानकारी देते हुए पर्यावरण संरक्षण में सक्रियराजीव रंजन पांडे ने बताया कि गौरैया को बचाना आज के समय में पर्यावरण के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। गौरैया बुलुप्ति के कगार पर है और उसे बचाने के लिए सभी लोग को आगे आना चाहिए। जैव विविधता को लेकर गौरैया का संरक्षण बहुत ही महत्वपूर्ण है। इसी को लेकर गौरैया संरक्षण अभियान के तहत जैव विविधता जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। लोगों को गौरैया को रखने के लिए घोसले भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं ताकि गोरिया वहां के उसके दाना पानी की व्यवस्था गांव वालों के द्वारा किया जाता है। इस अभियान में बड़ी संख्या में लोगों की सहभागिता हो रही है और बिहार भर में इस अभियान को प्रमुखता से चलाने का संकल्प लिया गया है। बता दें कि गोरिया गांव और शहर में प्रमुखता से पाई जाती थी परंतु पिछले कुछ सालों में कई जगह से विलुप्त हो चुका है। कुछ जगह पर यह पाई जा रही है जिसे बचाने और संरक्षित करने के अभियान में कई प्रमुख लोग आगे आ रहे हैं।
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