अपने हौसले से उड़ान भरती कांति की कहानी पढ़िए, जबरदस्त
अपने हौसले से उड़ान भरती कांति की कहानी पढ़िए, जबरदस्त
बरबीघा, शेखपुरा
शेखपुरा जिले के बरबीघा प्रखंड मुख्यालय से 5 किलोमीटर दूर जयरामपुर गांव की यह कांति है। यह दिव्यांग है। परंतु इसके हौसले कम नहीं हुए । दिव्यांग होते हुए भी कांति ने तेउस उच्च विद्यालय से पढ़ाई की। पढ़ाई करने के बाद इंटर की परीक्षा देने के लिए कड़ाके की ठंड में सुबह 7:00 बजे बरबीघा पहुंच जाती है।
वह भी ट्राई साइकिल चलाते हुए । कांति की मां मीना देवी उसे पीछे से सहारा देकर बाजार लाती है। बरबीघा थाना में कांति अपनी साइकिल को लगाती है फिर बस के सहारे जिला मुख्यालय रामाधीन कॉलेज में परीक्षा देने के लिए जाती है। कांति के इस हौसले और जज्बे को सलाम कर रहे हैं। एक तरफ नकारात्मक स्थिति में जहां आज के किशोर कई तरह के बहाने बनाते हैं और पढ़ाई से मुख मोड़ रहे हैं । वैसे में एक दिव्यांग होकर भी सभी के लिए प्रेरणादाई बन गई है । इस हौसले और जज्बे को सलाम कर रहे।
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