शेखपुरा के ईंट-ईंट पर लिखा है राजो बाबू के विकास की कहानी, जो काम करेगें लोग उन्हें याद करेंगे
श्रीनिवास- बरिष्ठ पत्रकार
कहते हैं किसी भी जनप्रतिनिधि का सबसे बड़ा सम्मान होता है उसके जाने के बाद जनता उसे याद करें। राष्ट्र पिता महात्मा गांधी, सरदार वल्लभभाई पटेल, बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर ,पंडित जवाहरलाल नेहरू, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, अटल बिहारी वाजपेई,राजीव गांधी,इंदिरा गांधी, बिहार केसरी डॉ श्री कृष्ण सिंह ,कर्पूरी ठाकुर सरीखे नेताओं को आज लोग श्रद्धा से याद करते हैं ताकि आने वाले अन्य नेता भी उनके आदर्शों पर चलकर देश राज्य और स्वच्छ समाज का निर्माण कर सकें। समाज के विकास में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका है यही कारण है कि जगह-जगह इनकी प्रतिमाएं लगाकर लोग इन्हें जन्मदिन एवं पूर्ण तिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
अनुमंडल से लेकर जिला का दर्जा दिलाने वाले
बिहार के एक छोटे से कस्बे शेखपुरा को अनुमंडल से लेकर जिला का दर्जा दिलाने वाले बिहार के कद्दावर कांग्रेसी नेता पूर्व सांसद स्वर्गीय राजो सिंह को भी सरकार ने सच्ची श्रद्धांजलि देने का निर्णय लिया है ।सरकार ने एक कर्मठ,जुझारू और विकास की भावना से काम करने बाले जनप्रतिनिधि और शेखपुरा के शिल्पकार होने के नाते उन्हें शेखपुरा के कलेक्ट्रेट परिसर स्थापित करने का निर्णय लिया है ।सरकार ने उनकी आदमकद प्रतिमा कलेक्ट्रेट परिसर में लगाने का आदेश दिया है और इसके लिए निविदा भी निकाली गई है साथ ही शीघ्र काम प्रारम्भ करने का निदेश दिया है ।
शेखपुरा को राज्य के मानचित्र पर पहुंचाने का काम
सरकार के इस निर्णय की जहां एक तरफ तारीफ हो रही है वहीं कुछ लोगों के द्वारा उनकी मूर्ति लगाए जाने को लेकर विरोध भी व्यक्त किया जा रहा है। हालांकि विरोध के कोई मायने नहीं दिखते है बावजूद इस तरह की बातें फैला कर एक सच्चे जनप्रतिनिधि और महान पुरुष को अपमानित करने के समान है ।इस संबंध में स्व राजो सिंह के प्रपौत्र बरबीघा बिधायक सुदर्शन कुमार कहते हैं की सरकार कुछ सोच समझकर ही गिने-चुने महापुरुषों की मूर्ति लगाने का निर्णय लेती है राजा बाबू उन्हीं महापुरुषों में से एक हैं जिन्होंने शेखपुरा को राज्य के मानचित्र पर पहुंचाने का काम किया है। सरकार ने अगर मूर्ति लगाने का निर्णय लिया तो इसकी तारीफ होनी चाहिए और सरकार को बधाई देनी चाहिए।
राजो सिंह शेखपुरा के गांधी कहे जाते हैं
शेखपुरा के लोग मूर्ति लगाए जाने को लेकर बहुत उत्साहित दिख रहे हैं। इस मामले को तुल देने को तर्कहीन बताते हुए विपक्ष के विधायक विजय सम्राट ने कहा है कि राजो सिंह शेखपुरा के गांधी कहे जाते हैं । उन्हें प्यार से लोग राजो बाबू कहते है और हर घर में उनकी पूजा होती है ।आज बच्चा-बच्चा जानता है एवं उन्हें श्रद्धा के साथ उनका नाम लेता है । उन्ही की देन है कि आज कलेक्टर और एसपी शेखपुरा में बैठते हैं और आम लोगो का काम आसानी से होता है । विजय सम्राट ने कहा कि राजो बाबू का प्रतिमा तो बहुत पहले लगना चाहिए था लेकिन पिछले 2 साल से कोरोना की वजह से मूर्ति स्थापित होने में समय लग रहा है। विजय सम्राट ने कहा कि वह अपने चुनावी घोषणा पत्र में भी राजो बाबू की मूर्ति कलेक्ट्रेट एवं सिरारी चौक पर लगाने का घोषणा किया है । कलेक्ट्रेट परिसर में सरकार के द्वारा मूर्ति लगाई जा रही है यह बहुत ही सराहना का विषय है। एवं शीघ्र ही सिरारी चौक पर भी राजो बाबू की मूर्ति लगाई जाएगी। वह हमारे सम्माननीय महापुरुष है इसलिए उनके सम्मान में किसी तरह की कमी शेखपूरा के लोग होने नही देंगे।आखिर जिस जिले के विकास के एक -एक ईंट पर जिनका नाम लिखा हो तथा जो काम करेगा लोग उसे याद करेंगे ही। राजनीति भी चलती रहेगी और विकास भी होता रहेगा।
- आलेख facebook से साभार
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