सावन में झूला पर बैठे राधा कृष्ण, एकादशी से शुरू अनुष्ठान का क्या है महत्व
सावन में झूला पर बैठे राधा कृष्ण, एकादशी से शुरू अनुष्ठान का क्या है महत्व
शेखपुरा
सावन महीने के एकादशी को विधि विधान से पूजा पाठ करने के बाद राधा कृष्ण मंदिरों में राधा कृष्ण भगवान की आराधना करने वाले पुजारियों के द्वारा राधा कृष्ण की प्रतिमा को झूले पर बिठाकर झुलाया जाता है । एकादशी के दिन से सावन पूर्णिमा तक राधा कृष्ण झूला का आयोजन होता है। इस झूला को लेकर परंपरागत रूप से आयोजन चलता रहा है। मान्यता के अनुसार राधा कृष्ण के जीवन में सावन में झूला झूलने को लेकर ही प्रतीकात्मक रूप से इसका आयोजन होता है।
शेखपुरा नगर परिषद के जमालपुर ठाकुर बारी में भी सावन झूला के अवसर पर राधा कृष्ण को झूले पर विधि विधान से बिठाया गया। शाम में भजन-कीर्तन और पूजन आरती का आयोजन भी हुआ।
जानकारी देते हुए जमालपुर ठाकुरबाड़ी के पुजारी शिवकुमार पाठक ने बताया कि सावन की एकादशी से यह प्रारंभ होता है। इसमें विधि विधान से पूजा अर्चना कर सावन झूला पर भगवान राधा कृष्ण की जोड़ी को बिठाकर झूला झुलाया जाता है। सावन झूला मेला का भी आयोजन होता है । पूर्णिमा के दिन विशेष रूप से श्रद्धालु पूजा-अर्चना करने के लिए आते हैं और रात भर मेला का आयोजन भी होता है।
कृष्ण जन्माष्टमी का होता है आयोजन
कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर के भी विशेष आयोजन मंदिरों में की जाती है। राधा कृष्ण की पूजा-अर्चना होती है। वही आधी रात को भगवान कृष्ण के जन्म उत्सव को लेकर जन्माष्टमी का आयोजन होता है। जिले के विभिन्न मंदिरों में विशेष आयोजन पूजा-अर्चना की जाती है।
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