जब गाँव गाँव घूमने लगे डीएम तो पदाधिकारियों के छूटे पसीने, तीन साल से पूल निर्माण नहीं, भड़के
घाटकुसुम्भा।
जिलाधिकारी योगेन्द्र सिंह गुरुवार को अचानक जिले के सुदूरवर्ती प्रखंड घाटकुसुम्भा पहुंच के सबको चौंका दिया। शेखपुरा जिले के टाल का इलाका कहे जाने वाले प्रखंड में इस तरह से जिलाधिकारी के पहुंचने पर विकास कार्यों में लापरवाही भी सामने आयी। जिलाधिकारी गांव गांव घूमकर योजनाओं की बारीकी से जांच की। साथ ही खेतों में भी पहुंचकर पुल-पुलिया का निरीक्षण किया।
जबकि यहां विकास कार्य में हो रही अनियमितता को देखकर डीएम भी भौचक रह गए।
उन्होंने मौके पर अधिकारियो को अभियंताओ को कड़ी फटकार लगायी और कार्यशैली में सुधार लाने की चेतावनी दी। जिलाधिकारी बिना किसी पूर्व सूचना के घाटकुसुम्भा प्रखंड के पानापुर, बामघाट, डीह कुसुम्भा, सहरा, माफो आदि गाव पहुच गए।
बामघाट मे पिछ्ले तीन साल से हरोहर नदी पर बनने वाले पुल निर्माण में किसी प्रकार का कार्य प्रगति नहीं देखने पर जब पूछा गया तो डीएम को जानकरी मिली कि पुल का पिलर खड़ा कर निर्माण करने वाली कंपनी भाग खड़ी हुई।
जिला सूचना व जन सम्पर्क पदाधिकारी सत्येन्द्र प्रसाद ने बताया कि जिलाधिकारी ने दशहरा के पूर्व ही इस पुल में कम लगाने का सख्त निर्देश जारी किया है।
सहरा गांव से प्रखंड मुख्यालय घाटकुसुम्भा तक बनाये जाने वाली पीसीसी ढलाई के जर्जर हो जाने पर कड़ी नाराजगी प्रकट की। जिलाधिकारी ने ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता को इसे तुरत दुरुस्त करने की चेतावनी दी।
माफो गांव पहुचने पर जिलाधिकारी ने गांव में संचालित दोनों जन वितरण प्रणाली की दुकान बंद पाया। उन्होंने जिला आपूर्ति पदाधिकारी को इन दोनों पर कानून के अनुसार कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
मौके पर प्रखंड से जुड़े सभी पदाधिकारी भी मौजूद थे।
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