• Friday, 01 November 2024
बिहार में सरकारी नौकरी वालोंं का दर्द: न वेतन, न सुरक्षा, महिलाओं के लिए शौचालक तक नहीं, हाय

बिहार में सरकारी नौकरी वालोंं का दर्द: न वेतन, न सुरक्षा, महिलाओं के लिए शौचालक तक नहीं, हाय

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बिहार में सरकारी नौकरी वालोंं का दर्द: न वेतन, न सुरक्षा, महिलाओं के लिए शौचालक तक नहीं, हाय

शेखपुरा

बिहार में नौकरी करने वाले संविदा कर्मियों के साथ क्या व्यवस्था होती है और कैसा व्यवहार होता है इसको लेकर संविदा कर्मियों का दर्द से छलक गया । 5 महीने से वेतन नहीं मिल रहा है। सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में कैंप लगाया जाता है। वहां महिला कर्मियों के लिए शौचालय तक की व्यवस्था नहीं होती है।  देर शाम गांव के कैंप से लौटना होता है। तो कोई यातायात और सुरक्षा की भी व्यवस्था नहीं है। जहां कैंप है वहां भी कोई सुरक्षा की व्यवस्था नहीं है । यह दर्द बिहार सरकार के भूमि सर्वे में लगी महिलाओं का छलका है। ये महिलाएं अमीन के पद पर यहां काम कर रही हैं । महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों ने भी अपनी परेशानी बताई और 5 महीने से वेतन नहीं मिलने की बात को रखा। इसको लेकर एक दिवसीय धरना भी दिया गया और आगे आंदोलन जारी रखने की बात कही गई।

इस अवसर पर धरना दे रही स्वाति कुमारी सहित अन्य ने बताया कि  जिले में ढाई सौ से अधिक भूमि सर्वे में लगे हुई कर्मचारियों को 5 महीने से वेतन नहीं दिया गया है। अशोक चौधरी कमेटी की सिफारिश को लागू नहीं किया गया है। हम लोगों को संविदा पर रखा गया है परंतु नियमित नहीं किया गया है। साथ ही साथ 5 महीने से वेतन नहीं मिला है। स्वाति ने बताया कि जहां पर कैंप लगता है वहां महिलाओं के लिए सुरक्षा और शौचालय तक की व्यवस्था नहीं है। किसी तरह हम लोग काम करते हैं । महिला का दर्द छलक गया और अपनी परेशानी बताई। यह भी बताया कि किसी तरह का एक्सपीरियंस भी हम लोगों को बिहार सरकार के द्वारा नहीं दिया जाएगा। जिससे भविष्य में कोई अन्य नौकरी भी करने में सहायता नहीं होगी। इसी को लेकर एक दिवसीय धरना दिया गया है और आगे भी आंदोलन जारी रहेगा।
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