दुअरे पर बैठकर टुकटुक ताको ही, अपन मन के दुख अपने मन में बांटो ही
समग्र विकास के तत्वधान में बरबीघा श्री नवजीवन अशोक पुस्तकालय में हिंदी दिवस के उपलक्ष में संगोष्ठी व कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया । समग्र विकास के सचिव कुंदन सिह संस्था की ओर से अगाथ अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शिव कुमार, आर लाल कॉलेज के पूर्व प्रचार्य प्रोफेसर परमानंद , विजय राम रतन एवं अन्य लोगों ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। संगोष्ठी की अध्यक्षता आर लाल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य प्रोफेसर परमानंद सिंह ने किया । संगोष्ठी के मुख्य अतिथि शिवकुमार ने अपने वक्तव्य में कहा कि हिंदी आज देश में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। विश्व में भी कोई प्रगतिशील देश या विकासशील देश नहीं है जिसके विश्वविद्यालय में हिंदी नहीं पढ़ाई जाती है । हमारे यहां गुलाम मानसिकता से ग्रसित लोग आज भी अंग्रेजी को सर्वोच्च बनाए हुए हैं।
अपनी भाषा को छोड़कर नहीं बन सकते महान
हिंदी प्रदेश में ही हिंदी की गुम
संगोष्ठी के उपरांत कवि सम्मेलन प्रोफेसर विजय राम रतन के अध्यक्षता में शुरू हुई विजय राम रतन ने अपनी कविता “हिंदी प्रदेश में ही हिंदी की गुम होती पहचान
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